डल्लेवाल को कुछ हुआ तो केंद्र स्थिति नहीं संभाल पाएगा, किसान मोर्चा की मोदी सरकार को चेतावनी

44 दिन से अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की तबीयत काफी खराब हो चुकी। मगर सरकार की ओर से उनके अनशन को खत्म कराने की कोई पहल नहीं हुई।

Updated: Jan 08, 2025, 10:21 AM IST

नई दिल्ली। खनौरी बॉर्डर पर पिछले 44 दिनों से अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की हालत बेहद नाजुक है। किसान नेता डल्लेवाल लगातार उल्टियां कर रहे हैं। डॉक्टरों की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार, उनके शरीर पर अब मांस नहीं बचा है। लीवर, किडनी और फेफड़ों में खराबी आ गई है। अब हालत यह है कि डल्लेवाल अगर अनशन खत्म भी कर देते हैं तो भी रिकवरी बेहद मुश्किल है। इसी बीच किसान मोर्चा ने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि डल्लेवाल को कुछ हुआ तो केंद्र स्थिति नहीं संभाल पाएगा।

किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि केंद्र सरकार को समय रहते किसानों के मुद्दों को गंभीरता से हल करना चाहिए। अगर डल्लेवाल को कुछ हुआ तो केंद्र हालात नहीं संभाल पाएगा। कोहाड़ ने बताया कि डल्लेवाल की हालत मंगलवार को भी गंभीर बनी रही और वह किसी से बात तक नहीं कर पा रहे हैं।उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ब्रिटिश शासन के दौरान भी ऐसा कभी नहीं हुआ कि कोई व्यक्ति आमरण अनशन पर बैठा हो और सरकार उस पर कोई ध्यान नहीं दे रही।

कोहाड़ ने बताया कि किसानों की मांगों के प्रति केंद्र के रवैये के खिलाफ 10 जनवरी को पूरे देश में भाजपा सरकार के पुतले जलाए जाएंगे। किसान नेताओं ने तय किया है कि 26 जनवरी को पूरे देश में ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा। आगामी दिनों में इस बारे में प्लान जारी किया जाएगा। बता दें कि किसान नेता डल्लेवाल फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर 26 नवंबर 2024 से आमरण अनशन पर हैं।

अनशन के शुरुआत में ही डल्लेवाल ने कहा था कि केंद्र सरकार जबतक बातचीत के लिए तैयार नहीं होगी वह भूख हड़ताल नहीं तोड़ेंगे। हालांकि केंद्र सरकार की ओर से अभी तक अनशन खत्म कराने की कोई सुगबुगाहट नजर नहीं आ रही है। अब सवाल यह है कि क्या सरकार डल्लेवाल को यूं ही मरने देगी? कोर्ट द्वारा उनके स्वास्थ्य को लेकर जरूर चिंता व्यक्त की गई है। लेकिन इसका असर भी सरकार पर नहीं हो रहा है।

सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद पंजाब सरकार ने धरनास्थल पर मेडिकल टीम, एडवांस्ड लाइफ सपोर्ट सिस्टम और एंबुलेंस को तैनात किया, मगर डल्लेवाल ने मेडिकल सपोर्ट लेने से इनकार कर दिया है। अब तो डॉक्टरों ने भी साफ कह दिया है कि अगर किसान नेता भूख हड़ताल तोड़ देते हैं तो भी कई दिनों तक खड़ा नहीं हो पाएंगे। उधर, खनौरी बॉर्डर पर आंदोलनकारियों की भीड़ बढ़ती जा रही है, मगर केंद्र सरकार इस हालात को नजरअंदाज कर रही है।