किसानों को कब तक रुलाया जाएगा, सभी काम छोड़ खाद संकट पर फोकस करें मुख्यमंत्री: अजय सिंह

अजय सिंह ने कहा कि केन्द्रीय कृषि मंत्री के संसदीय क्षेत्र से शिकायतें मिल रही हैं जांच के लिए समिति बनाकर प्रशासन ने इतिश्री कर ली। नकली खाद बाजार में आ ही क्यों रही है?

Updated: Sep 16, 2025, 06:40 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में खाद की किल्लत से अन्नदाता किसान परेशान हैं। आलम ये है कि खेत में खड़ी फसल को छोड़कर किसानों को एक बोरी खाद के लिए दिन-रात लाइनों में लगना पड़ रहा है। इसके बाद भी उन्हें खाद नसीब नहीं हो रही। इसे लेकर जगह-जगह प्रदर्शन भी रहे हैं। पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने प्रदेश भर में गहराते खाद संकट को लेकर मुख्यमंत्री मोहन यादव से तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की है।

कांग्रेस नेता अजय सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री को सब काम छोड़कर केवल किसानों की समस्या को दूर करने पर फोकस करना चाहिए। अजय सिंह ने कहा कि प्रदेश भर से खाद की किल्लत को लेकर किसानों के हलाकान होने की खबरें तेजी से आ रही हैं। खाद तो छोड़ो, खाद के लिए टोकन लेने के लिए भी परेशानी हो रही है। टोकन लेने के लिए लम्बी लम्बी लाइनें लगी हैं। जैसे तैसे किसान टोकन ले भी लेता है तो उसे खाद नहीं मिलती।

सिंह ने आगे कहा कि यदि खाद मिल भी जाती है तो उसके नकली निकलने की शिकायतें आ रही हैं। दूर क्यों जाएँ, खुद केन्द्रीय कृषि मंत्री के संसदीय क्षेत्र से शिकायतें मिल रही हैं जांच के लिए समिति बनाकर प्रशासन ने इतिश्री कर ली। नकली खाद बाजार में आ ही क्यों रही है? किसान को कब तक रुलाया जाता रहेगा। अफसर कहते हैं कि खाद का पर्याप्त स्टाक है। यदि पर्याप्त स्टाक है तो पर्याप्त बंट क्यों नहीं रही है? क्यों किसानों से झूठ पर झूठ बोला जा रहा है? 

उन्होंने मुख्यमंत्री से यह भी कहा है कि अफसरों की न मानते हुए किसानों की सुनें और उनसे बातचीत कर हल निकालें अन्यथा किसानों का गुस्सा फूटने पर संभालना मुश्किल हो जाएगा। सिंह ने कहा कि सरकार बिलकुल समझ नहीं रही है कि इसके दूरगामी परिणाम होंगे। खाद की कमी और समय से न मिलने के कारण फसल की गुणवत्ता खराब हो रही है। इससे उत्पादन कम होगा और किसानों की आय घटेगी। फिर आर्थिक संकट में किसानों का डूबना तय है। अन्न कम आने से बाजार में आम जनता को महंगा अनाज मिलेगा। सभी परिस्थितियां एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं। यह बात सरकार को समझना चाहिए और अपनी नीतियों तथा कार्यशैली में बदलाव लाना चाहिए।

कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि किसान वैसे भी खाद संकट से जूझ रहा है और ऊपर से लैंड पूलिंग एक्ट लाद दिया गया है। पहले धार्मिक आयोजनों के समय अस्थायी निर्माण के लिए किसानों से जमीन ली जाती थी जिसका उसे मुआवजा भी मिलता था और बाद में जमीन वापस मिलती थी जिस पर वह फिर से खेती करने लगता था| लेकिन अब उल्टा हो रहा है। लैंड पूलिंग एक्ट आने के बाद किसान की जमीन हमेशा के लिए ले ली जायेगी और उस पर स्थायी निर्माण होंगे। इस क़ानून को लाकर सरकार किन बड़े लोगों को फायदा पहुँचाना चाहती है, यह जनता के बीच स्पष्ट होना चाहिए। किसानों से जुड़े सभी मामलों में पारदर्शी व्यवस्था जरूरी है।