मुस्लिम समुदाय के खिलाफ फेक न्यूज में बढ़ोतरी

संदर्भ से काटे गए ऐसे वीडियो की भरमार हो गई, जिनमें मुस्लिम समुदाय के लोगों को कोरोना महामारी के बीच खाद्य सामग्रियों पर थूकता हुआ दिखाया गया.

Publish: May 10, 2020, 06:30 AM IST

भारत में कोरोना वायरस के मामले लगभग 60 हजार के करीब पहुंच गए हैं. इस बीच एक फैक्ट चेकिंग वेबसाइट बूम ने अपनी स्टडी में पाया कि अप्रैल महीने में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ फेक न्यूज में खासी बढ़ोतरी हुई.

वेबसाइट ने बताया कि जहां जनवरी से लेकर मार्च तक चीन, इटली और कोरोना वायरस को लेकर सबसे ज्यादा फेक न्यूज फैलाई गई, वहीं अप्रैल महीने में मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाकर सांप्रदायिक रूप से उग्र फेक न्यूज फैलाई गई. वेबसाइट ने जनवरी से लेकर मई के बीच 178 फैक्ट चेक किए.

यह स्टडी डेटा, वायरल सूचनाओं और माध्यम के प्रकार जैसे आधारों पर की गई. स्टडी में पाया गया कि अप्रैल महीने में सबसे ज्यादा फेक न्यूज वीडियो माध्यम से फैलाई गई. फेक न्यूज का 35 प्रतिशत हिस्सा वीडियो माध्यम से परोसा गया.

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अप्रैल महीने में संदर्भ से काटे गए ऐसे वीडियो की भरमार हो गई, जिनमें मुस्लिम समुदाय के लोगों को कोरोना महामारी के बीच खाद्य सामग्रियों पर थूकता हुआ दिखाया गया. करीब 29 प्रतिशत फेक न्यूज टेक्स्ट माध्यम से फैलाई गई. फेक न्यूज का इतना ही हिस्सा करीब फोटो माध्यम के जरिए फैलाया गया.

स्टडी में पाया गया कि करीब दो प्रतिशत फेक न्यूज ऑडियो संदेशों के जरिए फैलाई गई, वहीं चार प्रतिशत फेक न्यूज मेन स्ट्रीम मीडिया ने फैलाई.

वेबसाइट ने पाया कि जनवरी और फरवरी में दिल्ली चुनाव, डोनल्ड ट्रंप और उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों को लेकर फेक न्यूज फैलाई गई, वहीं मार्च में फेक न्यूज का टॉपिक पूरी तरह से बदलकर कोरोना वायरस हो गया.

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वेबसाइट ने बताया कि तबलीगी जमात प्रकरण के बाद अप्रैल में मुस्लिम समुदाय को जानबूझकर कोरोना वायरस फैलाने वाला बताने वाले फेक संदेशों की भरमार हो गई.