RBI ने रेपो रेट में लगातार दूसरी बार की कटौती, नए वित्त वर्ष में लोन सस्ते होने से EMI कम होगी
RBI ने रेपो रेट को 0.25 फीसदी घटाकर 6 फीसदी कर दिया है। पहले ये 6.25 फीसदी थी। रेपो रेट में कटौती के बाद आने वाले दिनों में लोन सस्ते हो जाएंगे।

नई दिल्ली। होम लोन की ईएमआई भरने वाले लोगों के लिए गुडन्यूज आ गई है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने लगातार दूसरी बार रेपो रेट में कटौती की है। RBI ने रेपो रेट को 0.25% घटाकर 6% कर दिया है। पहले ये 6.25% थी। रेपो रेट में कटौती के बाद आने वाले दिनों में लोन सस्ते हो जाएंगे। वहीं आपकी ईएमआई भी घटेगी।
नए वित्त वर्ष में RBI की पहली मॉनेटरी पॉलिसी (मौद्रिक नीति) कमेटी मीटिंग के फैसलों की जानकारी RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा बुधवार सुबह 10 बजे दी। ये मीटिंग 7 अप्रैल को शुरू हुई थी।
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इससे पहले वित्त वर्ष 2024-25 की आखिरी मीटिंग में भी RBI ने ब्याज दरों में 0.25% की कटौती की थी। फरवरी में हुई मीटिंग में ब्याज दरों को 6.5 फीसदी से घटाकर 6.25 फीसदी कर दिया था। मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की ओर से ये कटौती करीब 5 साल बाद की गई थी।
रेपो रेट घटने के बाद बैंक भी हाउसिंग और ऑटो जैसे लोन्स पर अपनी ब्याज दरें कम कर सकते हैं। वहीं ब्याज दरें कम होंगी तो हाउसिंग डिमांड बढ़ेगी। ज्यादा लोग रियल एस्टेट में निवेश कर सकेंगे। इससे रियल एस्टेट सेक्टर को बूस्ट मिलेगा।
रेपो रेट उस दर को कहा जाता है, जिस पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया अन्य बैंकों को पैसा उधार देता है। अब समझिए कि अगर रिजर्व बैंक कम ब्याज दर पर अन्य बैंकों को पैसा उधार देगा, तो वे बैंक भी ग्राहकों से कम ब्याज दर वसूलेंगे। इसका सीधा असर ग्राहकों के होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन पर देखने को मिलेगा। रेपो रेट घटने से बाजार में लिक्विडिटी बढ़ती है।
हालांकि, हर बैंक इस कटौती का लाभ अपने ग्राहकों को दें, वे इसके लिए बाध्य नहीं हैं। लेकिन स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और पंजाब नेशनल बैंक जैसे बड़े सरकारी बैंक आमतौर पर रेपो रेट घटने का लाभ ग्राहकों को देते रहे हैं। अगर कोई बैंक चाहता है कि घटी हुई रेपो रेट का लाभ ग्राहक को न दे, तो वो ऐसा कर सकता है। हालांकि, जब एक बैंक लोन की ब्याज दरों में कटौती करता है, तो दूसरे बैंकों पर भी दबाव पड़ता है।