भारत में बाघों की तादाद बढ़कर 3167 हुई, पीएम मोदी ने जारी किया नया आंकड़ा
देश में बाघों की संख्या में इजाफा हुआ है। भारत में बाघों की संख्या बढ़कर 3 हजार 167 हो गई है।

नई दिल्ली। देश में बाघों की संख्या में इजाफा हुआ है। भारत में बाघों की संख्या बढ़कर 3 हजार 167 हो गई है। पीएम मोदी ने रविवार को बाघों की नई गणना रिपोर्ट जारी की है। 2006 में यह संख्या 1411 थी। इससे पहले 2018 व 2019 में जारी बाघों की गणना में 2967 संख्या पाई गई थी।
आंकड़ों के अनुसार, बाघों की आबादी 2006 में 1,411, 2010 में 1,706, 2014 में 2,226, 2018 में 2,967 और 2022 में 3,167 थी। पीएम मोदी ने मैसुरु में ‘इंटरनेशनल बिग कैट्स अलायंस' की शुरुआत की। इस दौरान उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद लोगों संबोधित करते हुए कहा कि भारत ने न सिर्फ बाघों को बचाया है, बल्कि उनकी आबादी बढ़ने के लिए अनुकूल पारिस्थिति भी कायम की है।
पीएम मोदी कहा कि ‘प्रोजेक्ट टाइगर' की सफलता न सिर्फ भारत, बल्कि पूरी दुनिया के लिए गर्व का विषय है। हम बाघों सह-अस्तित्व को महत्व देते हैं। भारत एक ऐसा देश है, जहां प्रकृति की रक्षा करना संस्कृति का हिस्सा है। जब अनेक टाइगर रिजर्व देशों में उनकी आबादी स्थिर है या आबादी घट रही है तो फिर भारत में तेजी से बढ़ क्यों रही है? इसका उत्तर है भारत की परंपरा, भारत की संस्कृति और भारत के समाज में बायो डायवर्सिटी को लेकर, पर्यावरण को लेकर हमारा स्वाभाविक आग्रह।'
प्रधानमंत्री ने कहा कि, 'एशियाटिक शेर रखने वाला हम दुनिया का इकलौता देश हैं। शेरों की आबादी 2015 में 525 से बढ़कर 2020 में 675 हो गई है।हमारे तेंदुए की आबादी केवल चार वर्षों में 60% से अधिक हो गई है। बड़ी बिल्लियों की वजह से Tiger reserves पर्यटकों की संख्या बढ़ी और इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है।'
पीएम मोदी ने कहा कि, 'बाघों की मौजूदगी ने हर जगह स्थानीय लोगों के जीवन और वहां की इकोलॉजी पर सकारात्मक असर डाला है। दशकों पहले भारत से चीता विलुप्त हो गया था। हम इस शानदार बिग बिल्लियों को नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से भारत लेकर आए हैं। ये एक बड़ी बिल्ली का पहला सफल trans-continental translocation है।'