पेगासस जासूसी कांड: 300 भारतीयों की हुई थी जासूसी, अमेरिकी कोर्ट के फैसले के बाद भारत में भी सियासत गर्म
वॉट्सऐप के अमेरिका में एनएसओ ग्रुप के खिलाफ केस जीतते ही भारत में एक बार फिर से इस सॉफ्टवेयर के जरिए होने वाली फोन टैपिंग पर बहस शुरू हो गई है।

नई दिल्ली। पेगासस का जिन्न एक बात फिर बाहर आ गया है। जासूसी मामले में केंद्र की मोदी सरकार घिरती नजर आ रही है। दरअसल, वॉट्सऐप के अमेरिका में एनएसओ ग्रुप के खिलाफ केस जीत लिया है। अमेरिकी कोर्ट ने कहा कि NSO ग्रुप 1400 लोगों की जासूसी के लिए जिम्मेदार है। इस फैसले के बाद भारत में भी सियासत गर्म है क्योंकि इनमें 300 लोग भारतीय थे।
अमेरिकी कोर्ट में चल रहे इस मामले में जज ने व्हाट्सएप के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कहा कि इस इजरायली कंपनी ने अमेरिकी हैकिंग कानूनों और वॉट्सऐप की सेवा शर्तों का उल्लंघन किया है। वॉट्सऐप की जीत के साथ ही उसका यह दावा साबित हो गया कि 1400 लोगों के फोन हैक किए गए। इन 1400 लोगों में से 300 प्लस भारत के हैं। मेटा के मैसेजिंग ऐप वॉट्सऐप ने कहा था कि मई 2019 में पेगासस के जरिए फोन हैक किए गए।
साल 2021 में पेगासस का इस्तेमाल 300 से ज्यादा भारतीय मोबाइल नंबरों पर करने का दावा किया था जिसमें मोदी सरकार के दो मौजूदा मंत्री, तीन विपक्षी नेता, कई पत्रकार और कारोबारी शामिल थे। हालांकि सरकार ने इसका खंडन किया था। पेगासस बनाने वाली कंपनी का कहना है कि वह केवल सरकारों और सरकारी एजेंसियों से ही डील करता है। अब जब अमेरिकी कोर्ट में एनएसओ केस हार गया है तो जासूसी कांड का जिन्न फिर बाहर निकल आया है।
कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने रविवार को कहा कि अमेरिका में पेगासस स्पाइवेयर जासूसी मामले में आए फैसले से साबित हो गया है कि किस तरह भारतीयों के 300 व्हाट्सऐप नंबरों को निशाना बनाया गया। उन्होंने सवाल किया कि अब इस फैसले के मद्देनजर क्या सुप्रीम कोर्ट आगे की जांच कराएगा। सुरजेवाला ने एक खबर साझा की, जिसमें कहा गया कि पहली बार अमेरिका की एक अदालत ने इजरायल के एनएसओ समूह को सेंधमारी करने वाले उसके स्पाइवेयर पेगासस के लिए जिम्मेदार ठहराया है।
कांग्रेस नेता ने पूछा, ‘दो केंद्रीय मंत्री कौन हैं? तीन विपक्षी नेता कौन हैं? संवैधानिक अधिकारी कौन हैं? पत्रकार कौन हैं? व्यवसायी कौन हैं? बीजेपी सरकार और एजेंसियों ने कौन सी जानकारी हासिल की? इसका किस तरह से इस्तेमाल किया गया, दुरुपयोग किया गया और इसका क्या नतीजा निकला?’