कोल्हापुर की साई जाधव ने तोड़ा 93 साल का रिकॉर्ड, टेरिटोरियल आर्मी की पहली महिला लेफ्टिनेंट बनीं
भारतीय सैन्य अकादमी के 93 सालों के गौरवशाली इतिहास में शनिवार को पहली बार IMA से प्रशिक्षण लेकर एक महिला ऑफिसर कैडेट ने कमीशन प्राप्त किया है।
नई दिल्ली। देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) ने एक नया और गौरवशाली अध्याय लिखा है। अपने 93 साल के लंबे इतिहास में पहली बार इस प्रतिष्ठित संस्थान से किसी महिला अधिकारी कैडेट ने सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूरा किया है। यह सम्मान महाराष्ट्र के कोल्हापुर की रहने वाली साई जाधव को मिला है। उन्होंने प्रादेशिक सेना (Territorial Army) के विशेष कोर्स के तहत सख्त ट्रेनिंग पूरी की और अब वह लेफ्टिनेंट बन चुकी हैं। साई जाधव की उपलब्धि भारतीय सेना में Gender Inclusion और महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम है।
साई जाधव का चयन राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षा और SSB इंटरव्यू पास करने के बाद हुआ थाउन्होंने IMA में 6 महीने का गहन और चुनौतीपूर्ण सैन्य प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया। यह ट्रेनिंग न केवल शारीरिक रूप से, बल्कि मानसिक रूप से भी बहुत डिमांडिंग थी। उनकी सफलता उस अटूट दृढ़ संकल्प, अनुशासन और साहस का प्रमाण है, जो उन्होंने बाधाओं को पार करने के लिए दिखाया। उनकी यह उपलब्धि देश की उन हजारों युवा महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत है, जो भारतीय सशस्त्र बलों में शामिल होने का सपना देखती हैं और देश की सेवा करना चाहती है।
दरअसल इस बार IMA में पहली बार प्रादेशिक सेना के लिए एक स्पेशल कोर्स शुरू किया गया था। इसी कोर्स के तहत 23 वर्षीय साई जाधव का चयन हुआ। उन्होंने छह महीने की कठिन सैन्य ट्रेनिंग पूरी की।शनिवार को आयोजित पिपिंग सेरेमनी में सई जाधव के माता-पिता ने उनके कंधों पर लेफ्टिनेंट के सितारे लगाए। यह पल उनके और उनके परिवार के लिए भावुक कर देने वाला था क्योंकि IMA के पूरे इतिहास में यह पहली बार हुआ, जब किसी महिला ने यहां से प्रशिक्षण लेकर कमीशन प्राप्त किया।
जाधव का परिवार चार पीढ़ियों से सेना से जुड़ा रहा है। पिता मेजर संदीप जाधव खुद सेना में अधिकारी हैं। परदादा ब्रिटिश आर्मी में रहे। मामा भारतीय वायुसेना में सेवाएं दे चुके हैं। इस तरह साई जाधव अपने परिवार की चौथी पीढ़ी हैं, जिन्होंने वर्दी पहनी है। साई जाधव ने कहा कि यह यात्रा मेरे जन्म के साथ ही शुरू हो गई थी। यह पहली बार है जब IMA में महिला कैडेट्स को ट्रेनिंग दी जा रही है। पहले ‘जेंटलमैन कैडेट्स’ कहा जाता था, जो अब ‘ऑफिसर कैडेट्स’ हो गया है। यह बदलाव अपने आप में बहुत बड़ा है।




