बाढ़ पीड़ितों को खुलेआम पैसा बांटना पप्पू यादव को पड़ा महंगा, इनकम टैक्स ने भेजा नोटिस

पप्पू यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि मुझे इनकम टैक्स का नोटिस मिला है, बाढ़ पीड़ितों की मदद में रु बांटने को अपराध बताया है। यह अपराध है तो मैं हर वंचित पीड़ित की सहायता का अपराध सदैव करता रहूंगा।

Updated: Oct 25, 2025, 05:23 PM IST

पूर्णिया। बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले पूर्णिया सांसद पप्पू यादव को खुलेआम पैसा बांटना महंगा पड़ गया। राज्य में आचार संहिता लागू होने के बावजूद उन्होंने लोगों के बीच जाकर नगद रूपये बांटे थे, जिसके बाद उन्हें आयकर विभाग ने नोटिस भेज दिया। उन्होंने खुद एक्स हेंडल पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी। साथ ही उन्होंने लिखा कि यदि बाढ़ पीड़ितों की मदद करना अपराध है, तो मैं यह अपराध सदैव करूंगा।

पूर्णिया सांसद ने आरोप लगाया है कि आयकर विभाग ने बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए कैश बांटने को अपराध बताया है। पप्पू यादव ने शनिवार को सोशल मीडिया एक्स के जरिए इसकी जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि वैशाली जिले के नयागांव पूर्वी पंचायत अंतर्गत मनियारी गांव के बाढ़ पीड़ितों को मदद करना अपराध हो गया है।

पुर्णिया सांसद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 'मुझे इनकम टैक्स का नोटिस मिला है, बाढ़ पीड़ितों की मदद में रु बांटने को अपराध बताया है। यह अपराध है तो मैं हर वंचित पीड़ित की सहायता का अपराध सदैव करता रहूंगा।' उन्होंने आगे लिखा, 'वैशाली जिले के नयागांव पूर्वी पंचायत अंतर्गत मनियारी गांव के बाढ़ पीड़ितों जिनका घर-द्वार सब गंगाजी में विलीन हो गया, उनका मदद न करता तो क्या गृह राज्य मंत्री (नित्यानंद राय), स्थानीय सांसद जैसे स्वघोषित मुख्यमंत्री (चिराग पासवान) उम्मीदवारों की तरह मूकदर्शक बना रहता?'

बता दें कि पप्पू यादव को जरूरतमंदों की मदद के लिए जाना जाता है। बाढ़ के वक्त मदद के लिए वह हमेशा आगे आते देखे गए हैं। पप्पू यादव कुछ दिन पहले भी वैशाली जिले के बाढ़ प्रभावित इलाकों के दौरे पर थे। इस दौरान उन्होंने बाढ़ प्रभावित कुछ परिवारों को मदद भी की थी। जिसे लेकर उनपर आचार संहिता उल्लंघन के आरोप में मामला भी दर्ज की गई थी।

दरअसल, वैशाली के गणियारी गांव में नदी के किनारे लगातार हो रहे कटाव के कारण दर्जनों परिवार बेघर हो गए थे। तब वहां पप्पू यादव ने मौके पर पहुंचकर इन बाढ़ पीड़ितों की समस्याएं सुनीं और उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान की था। उन्होंने बताया कि लगभग 80 प्रभावित परिवारों को मदद के तौर पर करीब 5 लाख रुपये नकद वितरित किए गए हैं। जिसके बाद चुनाव आयोग ने उनके खिलाफ केस दर्ज किया था।