छत्तीसगढ़ सरकार ने कोवैक्सीन सप्लाई पर रोक की मांग की, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा टीका है सुरक्षित

छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने केंद्र सरकार से राज्य में कोवैक्सीन की आपूर्ति पर रोक लगाने की मांग की थी, सिंहदेव ने कहा था कि इसका ह्यूमन ट्रायल पूरा नहीं हुआ

Updated: Feb 12, 2021, 03:55 AM IST

Photo Courtesy: NDTV
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रायपुर। कोविड-19 के स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन को छत्तीसगढ़ सरकार और केंद्र सरकार आमने-सामने है। छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि राज्य में कोवैक्सीन का टीका न भेजे। सिंहदेव का तर्क है कि इसका ह्यूमन ट्रायल पूरा नहीं हुआ है। मामले पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने राज्य सरकार को विस्तृत जवाब दिया है।

सिंहदेव ने डॉ हर्षवर्धन को लिखे खुले खत में यह भी चिंता जताई है कि इस वैक्सीन का एक्सपायरी डेट ज्ञात नहीं है। सिंहदेव ने लिखा, 'मुख्य चिंता यह है की कोवैक्सीन का तीसरे चरण का मानव परीक्षण अभी तक पूरा नहीं हुआ है और यह भी नहीं पता है कि वैक्सीन की एक्सपायरी डेट क्या है। हम कोवैक्सीन का इस्तेमाल करने के लिए तैयार हैं, लेकिन इसका जबतक तीसरे चरण के ट्रायल का परिणाम ना आ जाये तब तक इसे ना भेजा जाए।'

सिंहदेव के इस खत के जवाब में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने लिखा, 'वैक्सीन को यानी ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) द्वारा प्री-क्लीनिकल और क्लीनिकल ट्रायल में आए डेटा के आधार पर रि-स्ट्रिक्टेड यानी वर्जित इमरजेंसी यूज़ की मंजूरी दी है। इसके बाद ही वैक्सीन बनाई और दी जा रही है। वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है।' उन्होंने एक्सपायरी को लेकर कहा कि वैक्सीन के लेबल पर एक्सपायरी डेट के बारे में पूरी जानकारी है। इसलिए ये कहना की एक्सपायरी की तरीख नहीं है ये गलत है।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ को पहले फेज में कोवैक्सीन का 37,760 डोज भेजा था। हालांकि, राज्य सरकार ने इसका उपयोग नहीं किया है। राज्य में 1 लाख 49 हजार कोवैक्सीन के डोज दूसरे खेप में आने वाले हैं, जिसे लेकर सिंहदेव ने पत्र लिखी है। प्रदेश में अबतक कुल 1 लाख 67 हजार 852 हेल्थ केयर वर्कर्स को पहली डोज दी जा चुकी है। यानी करीब 61 प्रतिशत हेल्थ वर्करों को वैक्सीन देने का काम पूरा कर लिया गया है।