महादेव ऐप मामले में भूपेश बघेल पर FIR, पूर्व सीएम बोले- केंद्र सरकार ने सटोरियों से पैसे लिए हैं

भूपेश बघेल ने कहा कि, वे इन गीदड़ भभकियों से न डरने वाले हैं और न ही पीछे हटने वाले हैं। मोदी की गारंटी और विष्णुदेव के सुशासन में महादेव ऐप सांय-सांय चल रहा है।

Updated: Mar 18, 2024, 12:20 AM IST

रायपुर। लोकसभा चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का नाम एक बार फिर महादेव सट्टा ऐप में घसीटा जा रहा है। राज्य की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी मामले में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। EOW की कार्रवाई को भूपेश बघेल ने राजनीति से प्रेरित करार दिया है।

भूपेश बघेल ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान इस पूरे कार्रवाई को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि ईओडब्ल्यू ने 4 मार्च को FIR दर्ज की थी, फिर इसे अपनी वेबसाइट पर अपलोड करके सार्वजनिक क्यों नहीं किया गया? एक समाचारपत्र में इस पर खबर छपने के बाद रविवार को FIR सार्वजनिक की गई।

उन्होंने कहा कि FIR की प्रति में मेरे नाम का उल्लेख छठें स्थान पर आरोपी के रूप में किया गया है। FIR की सामग्री जिसमें ऐप के प्रमोटर के नामों का उल्लेख किया गया है, उसमें मेरा नाम नहीं है। FIR राजनीति से प्रेरित है। मुझे जानबूझकर दबाव में फंसाया गया है। यह राजनीतिक प्रतिशोध के कारण किया गया है। 

बघेल ने कहा कि उनकी सरकार ने 2022 से महादेव ऐप के संबंध में 72 FIR दर्ज की थी और लगभग 450 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में राज्य में जुआ रोधी कानूनों को और अधिक सख्त बनाया गया था। हमारे ही कहने पर गूगल ने इसे बैन किया था, इसके बावजूद आज भी यह ऐप बंद नहीं है।

भूपेश बघेल ने इसे भाजपा और केंद्र सरकार की गीदड़ भभकी बताते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने ऐप मालिकों से पैसे लिए हैं। यही वजह है कि उन लोगों पर कार्रवाई नहीं की जा रही। उन्होंने कहा, 'छत्तीसगढ़ पूरे देश में पहला ऐसा राज्य है जहां महादेव ऐप पर कार्यवाही हुई है। मैं इनके आंख की किरकिरी बन गया, क्योंकि मैं कार्रवाई कर रहा था। इन्होंने जैसे फीचर गेमिंग से पैसे लिए, वैसे ही महादेव ऐप से भी पैसे लिए। इसलिए पूरे देश भर में कार्रवाई नहीं हुई है।' बघेल ने ये भी कहा कि, वे इन गीदड़ भभकियों से न डरने वाले हैं और न ही पीछे हटने वाले हैं।