NZ Elections: न्यूजीलैंड में जेसिंडा आर्डर्न की बड़ी जीत, देश में पहली बार पूर्ण वामपंथी सरकार

जेसिंडा आर्डर्न की लेबर पार्टी को पचास साल बाद सर्वाधिक वोट, कोरोना वायरस के खिलाफ उठाए गए कदमों को मिला जनता का भारी समर्थन

Updated: Oct 19, 2020, 03:05 PM IST

ऑकलैंड। न्यूजीलैंड के आम चुनाव में प्रधानमंत्री जेसिंडा आर्डर्न की नेतृत्व वाली लेबर पार्टी ने बहुत बड़ी जीत हासिल की है। पार्टी को लगभग पचास प्रतिशत मत प्राप्त हुए हैं। 120 सीटों की संसद में लेबर पार्टी द्वारा 64 सीटें जीतने की संभावना है। अगर ऐसा होता है तो करीब 24 साल बाद देश में पूरी तरह से वामपंथी कलेवर वाली सरकार होगी। न्यूजीलैंड में पिछले पांच दशकों में लेबर पार्टी को मिला यह सबसे बड़ा जनमत है। तीन साल पहले हुए चुनाव में भी लेबर पार्टी देश की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। हालांकि, तब सत्ता में आने के लिए पार्टी को ग्रीन पार्टी और न्यूजीलैंड पार्टी का सहयोग लेना पड़ा था। 

इस भारी जीत के बाद आर्डर्न हमेशा की ही तरह शांत और करुणा से मुस्कुराती हुई नजर आईं। ऑकलैंड में दिए गए भाषण में उन्होंने कहा कि वे न्यूजीलैंड के सभी लोगों के लिए काम करेंगी। उन्होंने कहा कि यह चुनाव ऐसे समय में हुआ, जब दुनियाभर में लोग बंटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव लोगों को बांटने के लिए नहीं होते। आर्डर्न ने आशा जताई कि इस असाधारण और चिंताओं से भरे समय में न्यूजीलैंड के लोग बंटने से ज्यादा एक दूसरे को सुनेंगे और आगे बढ़ेंगे।

न्यूजीलैंड का यह चुनाव मुख्य तौर पर कोरोना वायरस के खिलाफ जेसिंडा आर्डर्न प्रशासन द्वारा उठाए गए कदमों पर जनमत संग्रह माना जा रहा था। चुनाव परिणाम भी यही बताते हैं कि जनता ने उनकी तैयारियों और नीतियों को भारी समर्थन दिया है। कोरोना वायरस के खिलाफ उठाए गए कदमों को लेकर आर्डर्न की पूरी दुनिया में तारीफ हुई थी। साथ ही साथ आर्डर्न ने अपने चुनावी अभियान में अमीरों के ऊपर अधिक टैक्स लगाकर आम लोगों को सार्वजनिक सुविधाएं प्रदान करने का भी वादा किया था, जिसे उनकी विपक्षी पार्टी नेशनल ने बिजनेस विरोधी प्रस्ताव करार दिया था। नेशनल पार्टी इस बार महज 27 प्रतिशत वोट के आसपास सिमट गई है। 

जेसिंडा आर्डर्न पूरी दुनिया में अपनी प्रगतिशील नीतियों और रवैये के लिए जानी जाती हैं। उनके पहले कार्यकाल में एक श्वेत वर्चस्ववादी आतंकी ने देश में एक बड़ा आतंकी हमला किया, जिसके बाद उन्होंने पीड़ितों के साथ खड़े होकर एक कड़ा संदेश दिया। आर्डर्न महिलाओं और एलजीबीटी समुदाय से संबध रखने वाले लोगों के लिए कई नीतियां बना चुकी हैं। एलजीबीटी समुदाय पर चर्च के रवैये को लेकर उन्होंने 2000 में चर्च जाना छोड़ दिया था। उन्होंने सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े हुए लोगों के लिए भी कई योजनाएं चलाई हैं। हालांकि, इनमें से हाउजिंग प्रोग्राम जैसी कुछ योजनाएं अधूरी हैं। दूसरी तरफ वे जलवायु परिवर्तन को लेकर भी बहुत गंभीर हैं। 

लेबर पार्टी से संबंध रखने वालीं देश की पूर्व प्रधानमंत्री हेलन क्लार्क ने इन परिणामों को असाधारण करार दिया है। अपने कॉलेज के दिनों से ही जेसिंडा आर्डर्न क्लार्क के साथ जुड़ी हुई थीं। विश्व के दूसरे नेताओं ने भी आर्डर्न के बधाइयां भेजी हैं और उनके नेतृत्व की प्रशंसा की है।