लेह में ड्यूटी के दौरान पहाड़ में दबने से MP का जवान शहीद, राजकीय सम्मान के साथ दी गई अंतिम विदाई

मध्य प्रदेश के अग्निवीर जवान पहाड़ की चपेट में आने से शहीद हो गए। जवान का अंतिम संस्कार आज किया गया है। 22 वर्षीय हरिओम नागर राजगढ़ के सारंगपुर थाना क्षेत्र स्थित टूटियाखेड़ी गांव में रहते है। वे पिछले साल 2024 में ही सरकार की अग्निवीर भर्ती योजना के तहत चुने गए थे। जहां मंगलवार को उनके पैतृक गांव में उन्हें राजकीय सम्मान के साथ गार्ड ऑफ ऑनर देकर अंतिम विदाई दी गई।

Updated: Jul 22, 2025, 03:59 PM IST

Photo Courtesy: Dainik Bhaskar
Photo Courtesy: Dainik Bhaskar

सारंगपुर। भारतीय सेना गर्मी, बारिश या फिर ठंड मौसम चाहे कोई भी हो देश की सुरक्षा के लिए सीमा पर 24 घंटे पहरा देती है। वहीं बारिश के मौसम में कई राज्यों में लैंडस्लाइड, नदी-नाले उफान पर आ गए हैं। लद्दाख में भी इस समय भारी हिम्सखलन जारी है। इसी बीच, मध्य प्रदेश के अग्निवीर जवान पहाड़ की चपेट में आने से शहीद हो गए। जवान का अंतिम संस्कार आज किया गया है।

22 वर्षीय हरिओम नागर राजगढ़ के सारंगपुर थाना क्षेत्र स्थित टूटियाखेड़ी गांव में रहते है। वे पिछले साल 2024 में ही सरकार की अग्निवीर भर्ती योजना के तहत चुने गए थे। जहां मंगलवार को उनके पैतृक गांव में उन्हें राजकीय सम्मान के साथ गार्ड ऑफ ऑनर देकर अंतिम विदाई दी गई। वहीं बेटे की खबर मिलते ही पिता बेसुध अवस्था में चले गए। शहीद हरिओम सियाचिन में पोस्टेड थे। मौत की खबर से एक दिन पहले ही उनकी मम्मी से फोन पर पूछा था “खाना खाया या नहीं”। पिता को ढूंढा साथ ही दादा से खेत की दवाई का हाल भी पूछा। वहीं हरिओम के छोटे गांव में यह खबर सुनते ही ग्रामीणों की भीड़ उमड़ गई। सभी अंतिम दर्शन के लिए एकजुट हुए। 

यह भी पढ़ें: सड़क की मांग को लेकर कांग्रेस नेता का अनोखा प्रदर्शन, कीचड़ भरे रास्ते पर दंडवत यात्रा कर गौमाता को सौंपा ज्ञापन

दरअसल, लद्दाख के लेह में बर्फ का पहाड़ पिघल गया था। जिसके कारण टुकड़ा नीचे आ गिरा। हरिओम इसकी चपेट में आ गए। उनके पिता दुर्गाप्रसाद यादव गांव में खेती करते हैं। इस खबर से उनको अपने बेटे पर गर्व भी है। उन्होंने बताया कि उनके बेटे को सेना ज्वॉइन किए अभी सिर्फ 14 माह ही हुए है। वहीं स्थानीय गांव के लोगों ने बताया कि हरिओम के निधन की सूचना रविवार देर रात मिली। राजगढ़ पुलिस ने इसकी जानकारी परिवार को दी। बताया गया कि रविवार को ऑन ड्यूटी के दौरान अचानक बर्फ का पहाड़ गिरने से वे दब गए थे। उनके साथ ही दो अन्य सैनिकों की भी जान गई हैं। वहीं 1 जवान को किसी तरह बचाया गया।