कृषि मंत्री कंषाना लापता, खाद माफियाओं ने किया किडनैप, किसान कांग्रेस ने पोस्टर लगाकर किया विरोध
कांग्रेस नेता ने कहा कि हमें आशंका है कि हमारे प्रदेश के कृषि मंत्री को खाद की कालाबाजारी करने वाले व्यापारियों ने किडनैप कर लिया है। हमारी यह आशंका सही है या गलत, इसकी पुष्टि करना सरकार की जिम्मेदारी है।

विदिशा। मध्य प्रदेश में खाद की किल्लत से अन्नदाता किसान परेशान हैं। आलम ये है कि सूख रहे खेतों को छोड़कर किसानों को एक बोरी खाद के लिए दिन-रात लाइनों में लगना पड़ रहा है। इसके बाद भी उन्हें खाद नसीब नहीं हो रही। इसे लेकर जगह जगह प्रदर्शन भी रहे हैं। इसी बीच विदिशा में अनोखा विरोध देखने को मिला है। यहां किसानों और कांग्रेस नेताओं ने कृषि मंत्री की गुमशुदगी के पोस्टर्स लगाए हैं।
विदिशा जिले के ग्राम अटारी खेजड़ा में ग्रामीण किसानों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री एदल सिंह कंषाना के लापता होने के पोस्टर चिपकाकर सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। पोस्टर में यह कहा गया मंत्री जी का अपरहण हो गया है, हम सबको इनकी तलाश करना चाहिए।
ग्राम और कृषि सहकारी संस्था परिसर में लगाए गए इन पोस्टरों ने स्थानीय लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया। पोस्टरों पर बड़े अक्षरों में लिखा था, “हमारे कृषि मंत्री कहाँ हैं?” एक अन्य पोस्टर में लिखा था कि "ना खाद मिल रही है, ना सही दाम, ना सुनवाई हो रही है, ना कोई समाधान।"
कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि मंत्री लंबे समय से जनता और किसानों की समस्याओं से गायब हैं, जिसकी वजह से उन्होंने यह अनोखा विरोध दर्ज कराया। किसान कांग्रेस के जिलाध्यक्ष विनीत दांगी ने कहा, 'हमें आशंका है कि हमारे प्रदेश के कृषि मंत्री को खाद की कालाबाजारी करने वाले व्यापारियों ने किडनैप कर लिया है। हमारी यह आशंका सही है या गलत, इसकी पुष्टि करना सरकार की जिम्मेदारी है। या तो किडनैप करने वाले व्यापारी पकड़े जाएं या हमारे कृषि मंत्री जनता के सामने आएं।'
इस विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में ग्रामीण और कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल हुए। ग्रामीणों का कहना था कि अगर मंत्री किसानों के मुद्दों पर गंभीर नहीं हैं तो यह सीधे तौर पर प्रदेश के कृषि तंत्र और खाद आपूर्ति व्यवस्था पर संकट की निशानी है। किसान कांग्रेस द्वारा लगाए गए इन पोस्टर्स ने विदिशा ही नहीं, बल्कि प्रदेशभर में चर्चा छेड़ दी है। खास बात ये है कि विदिशा देश के कृषि मंत्री का भी संसदीय क्षेत्र है। ऐसे में यहां के किसानों की नाराजगी बड़े स्तर पर फेल्योर दर्शाती है।