भोपाल में नर्सिंग स्टूडेंट्स का बड़ा प्रदर्शन, परीक्षा की मांग को लेकर सड़क पर उतरे सैंकड़ों छात्र-छात्राएं

छात्र नेता रवि परमार के नेतृत्व में राजभवन तक पैदल मार्च के लिए निकले थे नर्सिंग स्टूडेंट्स, पुलिस ने रोका तो बीच सड़क पर धरने पर बैठ गए

Updated: Aug 02, 2023, 07:03 AM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में पिछले तीन वर्ष से परिक्षाओं का इंतजार कर रहे नर्सिंग स्टूडेंट्स का सब्र का बांध टूट गया है। राजधानी भोपाल में मंगलवार को सैंकड़ों की संख्या में नर्सिंग स्टूडेंट्स सड़क पर उतर आए। एनएसयूआई मेडिकल विंग के संयोजक रवि परमार के नेतृत्व में नर्सिंग स्टूडेंट्स राजभवन मार्च के लिए निकले थे। हालांकि, पुलिस ने उन्हें रास्ते में रोक दिया।
ऐसे में प्रदर्शनकारी छात्र सड़क पर ही धरने पर बैठ गए।

प्रदर्शनकारी स्टूडेंट्स 3 साल से नर्सिंग परीक्षा नहीं होने और नर्सिंग घोटाले का विरोध कर रहे हैं। मंगलवार सुबह 10 बजे सैंकड़ों की संख्या में छात्र- छात्राएं रेडक्रॉस हॉस्पिटल के पास शिवाजी चौराहे पर जमा हुए और नारेबाजी करते हुए राजभवन की ओर आगे बढ़े। हालांकि, थोड़ी दूर पर ही पुलिस ने उन्हें बैरिकेडिंग कर रोक दिया। एमपी नगर, टीटी नगर, हबीबगंज समेत चार थानों की पुलिसबल मौके पर तैनात है। ऐसे में प्रदर्शनकारी धरने पर बैठ गए। 

प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे NSUI मेडिकल विंग के रवि परमार ने कहा कि चिकित्सा शिक्षा विभाग की लापरवाही और नर्सिंग घोटाले की वजह से मध्यप्रदेश के लाखों नर्सिंग स्टूडेंट्स का भविष्य अंधकारमय में है। स्टूडेंट्स ने साल 2020 में नर्सिंग में एडमिशन लिया था लेकिन मध्यप्रदेश नर्सिंग काउंसिल और मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय की लापरवाही की वजह से पिछले तीन साल से सभी स्टूडेंट्स फर्स्ट ईयर में ही हैं।

छात्र नेता रवि परमार ने आगे कहा कि नर्सिंग छात्र छात्राएं अपने भविष्य को लेकर अत्यधिक चिंतित हैं और मानसिक रूप से परेशान हैं। उन्हें गलत कदम उठाने के लिए मजबूर किया जा रहा है। ऐसे में अगर कोई भी छात्र आत्मघाती कदम उठाता हैं तो इसके लिए सीधे तौर पर राज्य सरकार जिम्मेदार होगी। रवि परमार ने आरोप लगाते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में व्यापम से भी बड़ा नर्सिंग फर्जीवाड़ा हुआ हैं चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग और कई बड़े अधिकारी सीधे तौर पर संलिप्त हैं।।मंत्री विश्वास सारंग के कर्मचारी और उनके सहयोगियों ने करोड़ों रुपए की उगाही की है, जिसकी उच्च स्तरीय जांच होना चाहिए।

परमार ने हाईकोर्ट द्वारा परिक्षाओं पर रोक लगाने के फैसले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि हम माननीय उच्च न्यायालय से आग्रह करते हैं कि इस मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। परिक्षा पर रोक लगाना हल नहीं है। यह हजारों स्टूडेंट्स के भविष्य का सवाल है। शिक्षा माफियाओं की गलती का सजा बच्चों को क्यों मिले? राजभवन मार्च से रोके जाने को लेकर परमार ने कहा कि शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करना हमारा संवैधानिक अधिकार है। सरकार के इशारे पर पुलिस हमें अवैध तरीके से रोक रही है। हम राज्यपाल से मिलकर हम उन्हें छात्रों की पीड़ा से अवगत कराना चाहते हैं लेकिन सरकार तानशाही पर उतर आई है। ये नर्सिंग स्टूडेंट्स के संवैधानिक अधिकारों का हनन है।