हर तीसरा युवा बेरोजगारी शिकार, कहां गया हर साल 2 करोड़ नौकरियों का वादा, राहुल गांधी का केंद्र पर हमला

राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि रेलवे में भर्तियों को कम करने की नीति आखिर किसके फायदे के लिए बनाई जा रही है? कहां गया हर साल 2 करोड़ नौकरियों का वादा? कहां गया रेलवे का निजीकरण न करने का भरोसा?

Updated: Jan 21, 2024, 09:21 AM IST

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी देश में बढ़ती बेरोजगारी को लेकर प्रधानमंत्री मोदी और केंद्र सरकार की नीतियों पर हमला बोला है। इस बार उनका निशाना रेल मंत्रालय की ओर से निकाली गई उस वैकेंसी पर है जिसमें महज 5 हजार पदों के लिए आवेदन मांगे गए हैं। कांग्रेस नेता ने सवाल उठाते हुए पूछा कि रेलवे में भर्तियां कम क्यों की जा रही है, आखिर इस तरह की नीति किसके फायदे के लिए बनाई जा रही है?

दरअसल, रेल मंत्रालय की ओर से असिस्टेंट लोको पायलट (ALP) के 5,696 पदों के लिए निकाली गई है। अखबार में मंत्रालय की ओर से छपी जानकारी की फोटो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर शेयर करते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि ऐसे वक्त में जब देश का हर तीसरा युवा बेरोजगारी का सामना कर रहा है, तब प्रधानमंत्री ने एक बार फिर उनके साथ बड़ा धोखा कर दिया है।

राहुल गांधी आगे कहते हैं, 'इस बार धोखा सामान्य परिवार से ताल्लुक रखने वाले और 18 घंटे तक की कड़ी मेहनत करने वाले उन छात्रों के साथ है जो बेहद छोटे-छोटे किराए के कमरों में रहते हुए अपने लिए बड़े सपने देखते हैं।'

रेलवे में भर्ती के लिए बेहद कम संख्या में जारी आवेदन को लेकर निशाना साधते हुए राहुल गांधी ने कहा, 'एक ओर रेलवे में लाखों पद खाली हैं, वहीं 5 साल के लंबे इंतजार के बाद अब महज 5696 पदों की भर्ती निकाली गई हैं जो प्रतियोगी छात्रों के साथ सरासर अन्याय है।' उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि आखिर रेलवे में भर्तियां कम क्यों की जा रही है, ये भर्ती कम करने की नीति किसके फायदे के लिए बनाई जा रही है?

मोदी सरकार की ओर से 2 करोड़ नौकरी देने के वादे पर घेरते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि कहां गया वो हर साल 2 करोड़ नौकरी देने का वादा? कहां गया रेलवे का प्राइवेटाइजेशन नहीं करने का भरोसा? कुल मिलाकर एक बात बिल्कुल साफ नजर आ रही है कि मोदी की गारंटी, युवाओं के लिए खतरे की घंटी है। युवाओं के हक और न्याय की बात करते हुए राहुल ने कहा कि हमें उनके हक और उनके साथ न्याय के लिए आवाज उठानी ही होगी।