इंदौर के शासकीय अस्पताल में बड़ा फर्जीवाड़ा, डिलीवरी से तीन गुना अधिक बच्चे पैदा हो गए

राजेंद्र नगर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पिछले 3 महीने में 74 प्रसूतियां हुईं, लेकिन रिकॉर्ड में 223 बच्चों का जन्म हो गया। कांग्रेस ने इस मामले में सीएम शिवराज पर निशाना साधा है।

Updated: Oct 23, 2023, 11:46 AM IST

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इंदौर। मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली किसी से छिपी नहीं हैं। कहा जाता है कि मध्य प्रदेश में मरीजों से ज्यादा अस्पताल बीमार हैं। बदहाली से जूझ रहे प्रदेश के अस्पतालों में सुविधाओं की भले कमी हो लेकिन भ्रष्टाचार और गड़बड़झालों में कोई कमी नहीं है। इंदौर के एक अस्पताल से अजीबोगरीब घोटाला सामने आया है। यहां डिलिवरी से तीन गुना अधिक बच्चे पैदा हो गए। मामला सामने आने के बाद अधिकारी भी हैरत में पड़ गए। जांच की तो पता चला कि इस केंद्र में बड़े पैमाने पर फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने का धंधा चल रहा है।

फर्जीवाड़े का यह चौंकानेवाला मामला राजेंद्र नगर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र से सामने आया है। इस स्वास्थ्य केंद्र में तीन माह में कुल 74 प्रसूतियां हुईं, लेकिन रिकॉर्ड में 223 बच्चों का जन्म हो गया। यानी डिलीवरी से तीन गुना अधिक बच्चे पैदा हो गए। ऐसा तभी संभव है जब सभी प्रसूताओं ने एकसाथ तीन बच्चों को जना हो। कर्मचारियों ने तीन माह के नहीं, सन 1970 व 80 के दशक में जन्म लेने वालों के भी जन्म प्रमाण पत्र बनाकर जारी कर दिए हैं।

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रिपोर्ट्स के मुताबिक यहां मौखिक आदेश पर एक संविदा कर्मचारी को जन्म प्रमाणपत्र और डेटा एंट्री का काम दिया गया था। उसे बच्चों की जानकारी सीआरएस पोर्टल पर दर्ज करना थी, लेकिन उसने तीन गुना अधिक जन्म प्रमाण पत्र जारी कर दिए। कुछ दिन पूर्व अस्पताल प्रभारी डॉ. संध्या बिल्लौरे ने जन्मप्रमाण पत्र वाली महिलाओं के रिकॉर्ड का मिलान किया गया तो कोई भी नाम प्रसूताओं की सूची में नहीं मिला। इसके बाद जांच बैठाई गई तो चौंकाने वाला मामला सामने आया।

दरअसल, आमतौर पर नगर निगम से बच्चों के जन्म प्रमाणपत्र जारी किए जाते हैं, लेकिन सरकारी अस्पतालों को यह अधिकार दिए गए हैं कि उनके अस्पताल में जन्म लेने वाले बच्चों के प्रमाण पत्र वहीं से जारी किए जा सकें। अब अस्पतालों ने इसका दुरुपयोग शुरू कर दिया है। कुछ साल पहले इस तरह का मामला जिला अस्पताल में भी सामने आ चुका है। वहां से तो कुछ पाकिस्तानी नागरिकों को भी जन्म प्रमाण पत्र जारी कर दिए गए थे।

मामला सामने आने के बाद कांग्रेस ने राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है। मध्य प्रदेश कांग्रेस ने इसे जंगलराज करार देने हुए कहा कि शिवराज जी,
सरकार चला रहे हो या सर्कस? कांग्रेस ने राज्य सरकार पर जन्म का घोटाला, मृत्यु का घोटाला, बच्चों का घोटाला, बुजुर्गों का घोटाला, महिलाओं का घोटाला और युवाओं का घोटाला करने के आरोप लगाए। साथ ही कटाक्ष करते हुए कहा, 'भगवान भी हैरान है, मैंने जिसे इंसान बनाया था, वो शवराज भ्रष्टासुर बन गया।'