कूनो को बनाया जाएगा इको टूरिज्म हब, प्रोजेक्ट चीता के बाद अब प्रोजेक्ट एलिफेंट शुरू करने की योजना

प्रोजेक्ट एलिफेंट के तहत स्थानीय लोगों को हाथियों से बचाव के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। उनको गजमित्र बनाकर प्रोजेक्ट चलाया जाएगा। प्रोजेक्ट के तहत केंद्रीय दल मध्य प्रदेश आएगा।

Updated: Feb 27, 2024, 01:42 PM IST

श्योपुर। प्रोजेक्ट चीता को लेकर मध्य प्रदेश के श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क सालभर सुर्खियों में रहा। प्रोजेक्ट चीता के बाद अब कुनो में प्रोजेक्ट एलिफेंट की शुरुआत होने जा रही है। मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क और मंदसौर के गांधीसागर में चल रहे प्रोजेक्ट चीता की समीक्षा के दौरान सीएम डॉ. मोहन यादव की मौजूदगी में केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने ऐलान करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश के साथ नए प्रोजेक्ट शुरू किए जाएंगे।

श्योपुर प्रवास के दौरान सेसईपुरा में स्थित जंगल रिसॉर्ट में मुख्यमंत्री यादव के आग्रह पर केंद्रीय मंत्री ने प्रोजेक्ट एलिफेंट को अमलीजामा पहने जाने की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने वन अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रदेश को इको टूरिज्म का हब बनाने की कार्य योजना बनाई जाए। इसे रोजगार और अर्थव्यवस्था से जोड़ते हुए करीब 2 लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जाए।

केंद्रीय वन मंत्री ने कहा कि कूनो को केंद्रीय इको टूरिज्म का केंद्र बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि चीतों के पूरे स्थापना से पूरे विश्व में हमने सफलता पाई है। जल्द ही गांधी सागर में भी साउथ अफ्रीका और नामीबिया के चीता ले जाएंगे। चीतों को लाने से पहले प्रदेश में तीन केंद्र गांधी सागर अभ्यारण्य और तीसरा नौरादेही अभ्यारण में सर्वे टीम भेजी जाएगी। टीम इन स्थानों पर सीटों की बसाहट की स्थिति को देखेगी।

समीक्षा बैठक के दौरान केंद्रीय वनमंत्री ने यह भी बताया कि प्रोजेक्ट एलिफेंट के तहत स्थानीय लोगों को हाथियों से बचाव के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। उनको गजमित्र बनाकर प्रोजेक्ट चलाया जाएगा। प्रोजेक्ट के तहत केंद्रीय दल मध्य प्रदेश आएगा। यह दल असम और केरल के राज्यों के अनुभव के आधार पर यहां के हाथियों के झुंड की व्यवहार का अध्ययन करेगा और उसके संबंध में अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को देगा।