UP में Liv. 52 समेत 32 दवाओं पर लगा प्रतिबंध, कुछ में खतरनाक स्टेरॉयड की मिली मिलावट

शासन स्तर से हुई जांच में आयुर्वेद की दस दवाएं नकली मिली हैं। साथ ही 22 में एलोपैथिक दवाओं में भी मिलावट पाई गई है।

Updated: Mar 20, 2024, 02:27 PM IST

लखनऊ। लीवर ठीक करने के लिए लिव.52 नाम की दवा का सेवन करने वालों को सावधान होने की जरूरत है। उत्तर प्रदेश में लिव.52 समेत कुल 32 दवाइयों पर प्रतिबंध लगाया गया है। प्रदेश भर में जिन-जिन आयुर्वेदिक और एलोपैथिक दवाओं की शिकायत मिली थी, उनकी जांच आयुर्वेदिक विभाग ने की थी। इस जांच के दौरान 32 दवाओं में कमियां पाई गई। जिसके बाद प्रशासन ने सख्त कदम उठाते हुए इन दवाइयों पर प्रतिबंधित करने का आदेश दिया है।

LIV. 52 एक ऐसी दवाई है जिसका सेवन कई लोगों का द्वारा किया जाता है। इस दवा में मंडूर भस्म और दारुहरिद्रा का मिश्रण मानक के अनुरूप नहीं पाया गया है। हिमालया नाम की कंपनी के इस उत्पाद का इस्तेमाल आम आदमी अपना लीवर ठीक करने के लिए करता है। जानकारी के मुताबिक़ हिमालया के अधिकारी यूपी में आयुर्वेदिक विभाग के निदेशक के पास दवा में मिली कमी का स्पष्टीकरण लेकर पहुंचे हैं।

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शासन स्तर से हुई जांच में आयुर्वेद की दस दवाएं नकली मिली हैं। साथ ही 22 में एलोपैथिक दवाओं की मिलावट पाई गई है। मानक विरुद्ध पाई गई दवाओं में प्रेडनिसोलोन व बीटामेथासोन नामक स्टेरायड, आइबोप्रोफेन व डाइक्लोफिनेक नामक दर्द निवारक, ग्लीम्पैराइड नामक मधुमेह की दवा व सिलिडिनाफिल नामक यौन उत्तेजना की दवा का अपमिश्रण पाया गया है।

दवाओं के सैंपल सीतापुर, गाजियाबाद, सहारनपुर, मुजफ्फर नगर, मेरठ, लखनऊ, वाराणसी, लखीमपुर खीरी, गौतम बुद्ध नगर व कानपुर से लिए गए थे।बता दें कि पिछले साल दवा नियामक ने चार साल से कम उम्र के बच्चों में सर्दी से बचाव के लिए दिए जाने वाले ड्रग-कॉम्बिनेशन (दवाओं के संयोजन) के इस्तेमाल पर पाबंदी लगा दी थी, तथा आदेश दिया था कि दवाओं पर उचित लेबल लगाया जाना चाहिए।