सिर्फ BJP विधायकों को दी जा रही विकास निधि, मोहन सरकार पर फंड वितरण में भेदभाव का आरोप

यदि एक लोकतांत्रिक सरकार ही अपने दायित्वों का निर्वहन भेदभाव के आधार पर करने लगे, तो इससे जनता का विश्वास प्रणाली से उठ जाएगा: जीतू पटवारी

Updated: Mar 21, 2025, 05:48 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार पर विकासकार्यों में लगातार भेदभाव के आरोप लग रहे हैं। विपक्ष का आरोप है कि सरकार सिर्फ भाजपा विधायकों के क्षेत्र में विकासकार्यों के लिए पैसे आवंटित कर रही है। इसे लेकर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सीएम मोहन यादव को पत्र लिखा है।

सीएम यादव को संबोधित पत्र में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष पटवारी ने लिखा है कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में विकास निधि के आवंटन में गंभीर भेदभाव किया जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी के विधायकों को विधानसभा क्षेत्र के विकास के लिए 15 करोड़ रुपये की निधि प्रदान की जा रही है, जबकि कांग्रेस पार्टी के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के क्षेत्रों को इस विकास निधि से वंचित रखा जा रहा है। 

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उन्होंने कहा कि यह न केवल जनप्रतिनिधियों के साथ अन्याय है, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक मर्यादाओं का भी खुला उल्लंघन है। पटवारी ने आरोप लगाया है कि बीजेपी के विधायकों को मिलने वाली इस निधि का भी 30-40 प्रतिशत हिस्सा पहले ही भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी में चला जाता है। इसके बाद भी नौकरशाही और ठेकेदारी के स्तर पर व्यापक भ्रष्टाचार और कमीशन का बोलबाला है, जिससे जनता के विकास के नाम पर स्वीकृत धन का बहुत कम अंश वास्तविक कार्यों में लगता है।

उन्होंने आगे कहा कि यदि मोटे तौर पर अनुमान लगाया जाए तो एक लाख रुपये में से करीब 65 से 70 हजार रुपये भ्रष्टाचार और कमीशन में चले जाते हैं और केवल 30-35 प्रतिशत राशि विकास के नाम पर खर्च होती है। यह बेहद चिंताजनक और निंदनीय स्थिति है, जिससे मध्य प्रदेश की छवि देश के सबसे भ्रष्ट राज्य के रूप में बन रही है।

पटवारी ने मांग की है कि सभी विधायकों को, चाहे वे किसी भी दल से हों, समान रूप से 15 करोड़ रुपये की विकास निधि प्रदान की जाए। निधि के आवंटन और व्यय की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाए, ताकि भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी पर रोक लगाई जा सके। जिन अधिकारियों और ठेकेदारों पर कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार के आरोप हैं, उनकी निष्पक्ष जांच कर कठोर कार्रवाई की जाए।