ऐसा सबक सिखाएंगे, जिंदगीभर याद रहेगा, सिंधु जल संधि को लेकर शहबाज शरीफ की गीदड़भभकी

शहबाज शरीफ ने एक कार्यक्रम में कहा कि मैं आज दुश्मन को बताना चाहता हूं कि अगर आप हमारे पानी को रोकने की धमकी देते हैं, तो यह बात ध्यान में रखें आप पाकिस्तान का एक बूंद भी पानी नहीं छीन सकते।

Updated: Aug 13, 2025, 12:50 PM IST

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सिंधु जल संधि को स्थगित करने पर भारत को एक बार फिर से धमकी दी है। मंगलवार को राजधानी इस्लामाबाद में हुए एक कार्यक्रम में शरीफ ने कहा कि दुश्मन पाकिस्तान से एक बूंद पानी भी नहीं छीन सकता। आपने हमें पानी रोकने की धमकी दी। अगर ऐसा करने की कोशिश की तो पाकिस्तान आपको ऐसा सबक सिखाएगा, जिसे जिंदगीभर नहीं भूलेंगे।

शरीफ ने कहा कि भारत अगर पाकिस्तान की तरफ बहने वाला पानी रोकने की कोशिश करता है तो यह सिंधु जल संधि का उल्लंघन होगा। उन्होंने धमकी देते हुए कहा कि इसका जवाब निर्णायक तरीके से दिया जाएगा। पाकिस्तानी पीएम ने कहा कि पानी पाकिस्तान की लाइफलाइन है और अंतरराष्ट्रीय समझौतों के तहत देश के अधिकारों से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

शहबाज शरीफ से पहले पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो भारत को युद्ध की धमकी दे चुके हैं। सोमवार को दिए एक बयान में बिलावल ने कहा था कि अगर भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित रखा तो पाकिस्तान के पास जंग के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा। भुट्टो ने सिंध प्रांत की सरकार के एक कार्यक्रम में कहा कि मोदी सरकार के कदमों ने पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुंचाया है। हमें एकजुट होकर इन आक्रामक नीतियों का जवाब देना होगा।

बता दें कि सिंधु जल समझौते के निलंबन को लेकर पिछले 48 घंटों में 3 पाकिस्तानी नेताओं ने भारत के खिलाफ धमकी भरे बयान दिए हैं। इनमें आर्मी चीफ आसिम मुनीर, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो शामिल हैं।

बता दें कि सिंधु नदी प्रणाली में कुल 6 नदियां हैं- सिंधु, झेलम, चिनाब, रावी, ब्यास और सतलुज। इनके किनारे का इलाका करीब 11.2 लाख वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। इसमें 47% जमीन पाकिस्तान, 39% जमीन भारत, 8% जमीन चीन और 6% जमीन अफगानिस्तान में है। इन सभी देशों के करीब 30 करोड़ लोग इन इलाकों में रहते हैं। भारत ने पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के दूसरे दिन 24 अप्रैल को पाकिस्तान के साथ 65 साल पुराना सिंधु जल समझौता रोक दिया था।