ग्वालियर: वकील से 16 लाख की ठगी, साइबर अपराधियों ने डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाकर फंसाया
ग्वालियर में साइबर अपराधियों ने एक वकील को फर्जी मामलों में फंसाने का डर दिखाकर उनसे 16 लाख रुपए ठग लिए।
ग्वालियर| साइबर अपराधियों ने एक वकील को फर्जी मामलों में फंसाने का डर दिखाकर उनसे 16 लाख रुपए ठग लिए। यह घटना 8 अक्टूबर की है, जब एक कॉलर ने वकील को फोन कर खुद को एक कूरियर कंपनी का कर्मचारी बताया और दावा किया कि उनके आधार कार्ड से एक पार्सल बुक किया गया है, जिसे कस्टम अधिकारियों ने जब्त कर लिया है। कॉलर ने कहा कि पार्सल में 400 ग्राम एमडी ड्रग्स, 12 डेबिट कार्ड और अन्य गैरकानूनी चीजें मिली हैं।
जब वकील ने पार्सल से अनजान होने की बात कही, तो कॉलर ने बताया कि उनका आधार कार्ड किसी ने गलत तरीके से इस्तेमाल किया है। इसके बाद कॉलर ने उन्हें मुंबई क्राइम ब्रांच से जोड़ा, जहां एक और व्यक्ति ने खुद को अधिकारी बताते हुए कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग के एक बड़े मामले में उनका नाम शामिल हो सकता है। इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी दावा किया कि छापेमारी में 247 डेबिट कार्ड मिले हैं, जिनमें से एक वकील का है।
इसके बाद, ठगों ने वकील को और डराने के लिए कॉल को सीबीआई अधिकारी के पास ट्रांसफर करने का नाटक किया। सीबीआई के नाम पर बात करने वाले व्यक्ति ने कहा कि वकील के खिलाफ कई गंभीर मामले दर्ज हो सकते हैं और उनका बैंक खाता भी सील किया जा सकता है। वकील को सुझाव दिया गया कि वे नया बैंक खाता खोलें और उसमें 16 लाख रुपए जमा करें ताकि मामला सुलझाया जा सके।
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डरे हुए वकील ने ठगों की बात मान ली और उनके कहे अनुसार खाता खोलकर पैसे जमा कर दिए। इस दौरान ठगों ने वकील को लगातार वीडियो कॉल पर रखा और यह सुनिश्चित किया कि वे किसी से बात न कर पाएं। जब कभी कॉल डिस्कनेक्ट हुई, तो ठगों ने उन्हें डांटते हुए फिर से कॉल जारी की।
ठगी का अहसास तब हुआ जब वकील ने इस घटना का जिक्र अपने एक जान-पहचान वाले से किया। उसने बताया कि ऐसा कुछ भी नहीं होता है और यह एक साइबर ठगी है। जब तक वकील को सच्चाई समझ में आई, तब तक ठग उनके खाते से पैसे निकाल चुके थे। इसके बाद वकील ने 21 नवंबर को क्राइम ब्रांच थाने में शिकायत दर्ज कराई।
साइबर विशेषज्ञों ने कहा है कि इस प्रकार की ठगी के मामलों में सतर्क रहना बेहद जरूरी है। 'डिजिटल अरेस्ट' जैसी कोई चीज नहीं होती। यदि कोई व्यक्ति ऐसा दावा करता है, तो तुरंत पुलिस को इसकी जानकारी दें और किसी भी अनजान व्यक्ति को अपनी बैंक जानकारी न दें।