छत्तीसगढ़ के आदिवासी बच्चों ने बनाया 100 फीट तक उड़ने वाला रॉकेट, नैनों सेटेलाइट लॉन्च करने की तैयारी

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में एक अनोखी पहल देखने को मिली, जहां सरकारी स्कूल के नन्हे वैज्ञानिकों ने 100 फीट तक उड़ने वाला रॉकेट बनाकर सफलता पूर्वक लॉन्च किया।

Updated: Feb 28, 2025, 05:00 PM IST

Photo courtesy: DB
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जशपुर| राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में एक अनोखी पहल देखने को मिली, जहां सरकारी स्कूल के नन्हे वैज्ञानिकों ने 100 फीट तक उड़ने वाला रॉकेट बनाकर सफलता पूर्वक लॉन्च किया। इस पहल के तहत मनोरा के स्वामी आत्मानंद स्कूल के 8वीं और 9वीं कक्षा के 100 विद्यार्थियों को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया। इन बच्चों को 10-10 के समूह में बांटकर रॉकेट और नैनो सैटेलाइट निर्माण की ट्रेनिंग दी गई।

चार महीने पहले जिले के कलेक्टर रोहित व्यास ने एक सरकारी स्कूल का दौरा किया, जहां उन्होंने बच्चों से रॉकेट के बारे में सवाल किए। जब बच्चों ने अधूरी जानकारी दी, तो उन्होंने उन्हें रॉकेट कैसे बनाते हैं यह सिखाने का फैसला किया। इस फैसले पर सभी बच्चों ने एक स्वर में हा कहा, इसके बाद जिले के 8 ब्लॉकों से 100 बच्चों का चयन किया गया और उन्हें स्कूल समय के अतिरिक्त 8 घंटे की विशेष रॉकेटरी वर्कशॉप दी गई। इस प्रशिक्षण के दौरान बच्चों ने 30 सेकंड तक हवा में रहने वाला 100 फीट ऊंचा उड़ने वाला रॉकेट तैयार किया, जिसे चिड़िया गांव के संगम स्थल पर सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया।

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कलेक्टर रोहित व्यास द्वारा शुरू किए गए 'अन्वेषण नवाचार' कार्यक्रम के तहत अंतरिक्ष ज्ञान अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें सरकारी स्कूल के बच्चों को स्पेस साइंस से जोड़ने की कोशिश की जा रही है। इसी के तहत इसरो के वैज्ञानिक को आमंत्रित किया जिसमें इसरो के वैज्ञानिक डॉ. श्रीनिवास ने भी इस पहल में अहम भूमिका निभाई। कार्यक्रम में बच्चों को सैटेलाइट कम्युनिकेशन और तारों की दुनिया से अवगत कराया गया। स्टार गैजिंग वर्कशॉप में टेलीस्कोप के जरिए बच्चों को अंतरिक्ष की गहराइयों को समझने का मौका भी दिया जा रहा है। इस पहल से बच्चों में विज्ञान के प्रति रुचि तेजी से बढ़ रही है, जिससे भविष्य में जिले से नए वैज्ञानिक निकलने की उम्मीद की जा रही है।