MP : सांसद और विधायकों के लिए खोले सहकारी संस्थाओं के दरवाजे

BJP Politics : राजनीतिक समीकरणों के मद्देनजर आयोग, प्राधिकरण और परिषदों के अलावा अब सहकारी समितियों में भी राजनेताओं को दिए जाएंगे पद

Publish: Jul 14, 2020, 09:04 AM IST

भोपाल। शिवराज सरकार ने नाराज डच्‍। अब सांसद व विधायक सहकारी समितियों में प्रशासक और अध्यक्ष भी बनाए जा सकेंगे। अब तक सहकारी अधिनियम के तहत इस पर प्रतिबंध था। राजनीतिक समीकरणों के मद्देनजर आयोग, प्राधिकरण और परिषदों के अलावा अब सहकारी समितियों में भी राजनेताओं को पद दे कर संतुष्‍ट करने का फैसला किया गया है।

यह फैसला मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में लिया गया। पहली कैबिनेट बैठक में म.प्र. साहूकारी संशोधन विधेयक एवं अनुसूचित जनजाति ऋण मुक्ति विधेयक 2020 को कैबिनेट की स्वीकृति दे दी गई। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश अनुसूचित जनजाति ऋण मुक्ति विधेयक में अनुसूचित क्षेत्रों में निवासरत अनुसूचित जनजाति वर्ग के सभी व्यक्तियों के 15 अगस्त 2020 तक के सभी ऋण ब्याज सहित माफ किए जाने का प्रावधान किया जा रहा है। साथ ही अन्य वर्गों को भी साहूकारों के चंगुल से छुड़ाने के लिए मध्यप्रदेश साहूकार (संशोधन विधेयक 2020) लाया जा रहा है।

सोमवार को विभागीय समीक्षा, मंगलवार को कैबिनेट

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि हर सोमवार एवं मंगलवार को सभी मंत्रीगणों को भोपाल में ही रहना है। सोमवार को वे विभागीय समीक्षा करें तथा उस दिन विधायकगणों से मिलने का एक निश्चित समय निर्धारित करें। मंगलवार को 11 बजे से कैबिनेट की बैठक होगी।

15 अगस्त को रखेंगे आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का रोडमैप

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि हमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के लिए निरंतर कार्य करना है। मंत्री अपने विभागीय अधिकारियों, विषय विशेषज्ञों, प्रबुद्धजनों की सहायता से इसके लिए रोडमैप तैयार कर लें। इस संबंध में जनता से प्राप्त सुझावों का भी अध्ययन कर लें। 15 अगस्त को आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का रोडमैप जनता के समक्ष रखा जाएगा।