MP: कमीशन के लिए धार्मिक स्थलों पर शराबबंदी, उप नेताप्रतिपक्ष कटारे का मोहन सरकार पर गंभीर आरोप
शराब के कमीशन पर अभी 10-20 रुपया मिल रहा था, अब हजार रुपये कमीशन कमाएंगे। कालाबाजारी होगी तो मनमाना रेट होगा। कालाबाजारी को किस तरह बढ़ावा मिले, यह मोहन यादव सरकार की पहल है: हेमंत कटारे

मुरैना। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने राज्य के 17 धार्मिक नगरों में शराबबंदी की घोषणा की है। शुक्रवार को कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव की मंजूरी मिली। इसे लेकर अब कांग्रेस नेता व विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने गंभीर आरोप लगाए हैं। कटारे ने कहा कि यह शराबबंदी कमीशनखोरी के लिए की जा रही है।
शनिवार को मुरैना में मीडिया से हेमंत कटारे ने कहा कि शराबबंदी के नाम पर सरकार जो बिल लेकर आई है, उसे कालाबाजारी की बढ़ोतरी का बिल कहिए, इससे शराब माफिया प्रदेश में और हावी होगा।
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हेमंत कटारे ने कहा कि प्रदेश सरकार ने कैबिनेट बैठक में शराबबंदी को जो फैसला लिया है, वह केवल प्रोपेगेंडा है। यह शराबबंदी नहीं है, बल्कि धार्मिक स्थलों वाली कुछ जगहों पर शराब के ठेके बंद किए जा रहे हैं। इसका फायदा अवैध शराब का काम करने वाले भाजपा के लोगों को होगा।
उन्होंने कहा कि शराब के कमीशन पर अभी 10-20 रुपया मिल रहा था, अब हजार-हजार रुपये का कमीशन कमाएंगे। कालाबाजारी होगी तो मनमाना रेट होगा। शराब से कालाबाजारी को किस तरह बढ़ावा मिले, यह मोहन यादव सरकार की पहल है।
बता दें कि मध्य प्रदेश के 17 धार्मिक नगरों की 47 शराब दुकानें एक अप्रैल से पूरी तरह बंद की जाएंगी। शराबबंदी वाले 17 धार्मिक नगरों में उज्जैन नगर निगम, दतिया, पन्ना, मंडला, मुलताई, मंदसौर, मैहर के अलावा ओंकारेश्वर, महेश्वर, ओरछा, चित्रकूट और अमरकंटक के नगर परिषद क्षेत्र शामिल हैं। ग्राम पंचायत स्तर पर सलकनपुर माता मंदिर, बरमान कला, बर्मन खुर्द, कुंडलपुर और बांदकपुर में पांच किलोमीटर के दायरे में शराबबंदी की मौजूदा नीति जारी रहेगी।