विमेंस वर्ल्ड कप 2025 में चमकी MP की बेटी क्रांति गौड़, एक करोड़ रुपए इनाम देगी राज्य सरकार

भारत ने विमेंस वर्ल्ड कप 2025 जीतकर इतिहास रचा दिया है। मध्यप्रदेश से आने वाली खिलाड़ी क्रांति गौड़ ने सीरीज में शानदार प्रदर्शन किया। उनके शानदार प्रदर्शन के लिए राज्य सरकार ने उन्हें 1 करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि देने की घोषणा की है।

Publish: Nov 03, 2025, 03:49 PM IST

Photo Courtesy: Free Press Journal
Photo Courtesy: Free Press Journal

भोपाल। भारत ने विमेंस वनडे वर्ल्ड कप 2025 का खिताब जीतकर इतिहास रच दिया है। विश्व विजेता टीम में मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले की रहने वाली तेज गेंदबाज क्रांति गौड़ का नाम पूरे देश में गूंज रहा है। उनकी मेहनत, संघर्ष और जिद की कहानी आज हर उस लड़की के लिए प्रेरणा बन गई है जो सीमित संसाधनों के बावजूद बड़े सपने देखने की हिम्मत रखती है।

क्रांति गौड़ की शानदार गेंदबाजी और टीम के विश्व कप जीतने पर राज्य सरकार ने उन्हें एक करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि देने की घोषणा की है। सरकार का कहना है कि यह प्रदेश की बेटियों की प्रतिभा और जज्बे को सम्मानित करने की दिशा में एक कदम है।

यह भी पढ़ें:MP: खंडवा में मदरसे से 20 लाख के नकली नोट बरामद, पुलिस ने इमाम को किया गिरफ्तार

छतरपुर जिले के घुवारा गांव की रहने वाली क्रांति गौड़ का सफर बेहद संघर्षभरा रहा है। कभी जूतों के बिना सूखी, ऊबड़-खाबड़ जमीन पर नंगे पैर क्रिकेट खेलने वाली क्रांति ने गांव के लड़कों के साथ टेनिस बॉल क्रिकेट खेलना शुरू किया था। उस वक्त गांव में लड़कियों के क्रिकेट खेलने का रिवाज नहीं था। उनकी मां अक्सर डांटती थीं और उन्हें कहती थी कि ये तो लड़कों का खेल है। लेकिन क्रांति ने अपनी जिद और जुनून से सबको गलत साबित कर दिया। धीरे-धीरे उन्होंने छोटे स्थानीय टूर्नामेंटों में खेलना शुरू किया और अपनी पहचान बनाई।

सिर्फ 14 साल की उम्र में क्रांति ने टेनिस बॉल छोड़कर लेदर बॉल क्रिकेट खेलना शुरू किया। उनकी मध्यम गति की गेंदबाजी ने जल्द ही स्थानीय टूर्नामेंटों में सबका ध्यान खींचा। इसी प्रदर्शन के दम पर वह राज्य स्तरीय टीम तक पहुंचीं। उनके करियर का टर्निंग पॉइंट साल 2017 में आया जब नौगांव में आयोजित इंटर-स्टेट क्रिकेट टूर्नामेंट में सागर टीम की एक खिलाड़ी बीमार हो गई और कोच सोनू ने क्रांति को खेलने का मौका दिया। यह उनका पहला लेदर बॉल मैच था जिसमें उन्होंने 25 रन बनाए और 2 विकेट लेकर प्लेयर ऑफ द मैच बनीं। यही मैच उनकी जिंदगी की दिशा बदल गया।

यह भी पढ़ें:MP: शादी में निमंत्रण न मिलने पर दो पक्षों में मारपीट, आधा दर्जन लोग घायल

क्रांति का परिवार आर्थिक रूप से बेहद कमजोर था। उनके पिता पुलिस विभाग में काम करते थे लेकिन किसी कारण से उन्हें नौकरी छोड़नी पड़ी थी। छह भाई-बहनों में सबसे छोटी क्रांति के लिए क्रिकेट जारी रखना आसान नहीं था। कई बार घर में खाने तक के पैसे नहीं होते थे। उनके कोच राजीव बिल्थरे ने उनका हर मोड़ पर साथ दिया था। एक बार तो उनकी मां ने अपने गहने बेचकर उन्हें टूर्नामेंट खेलने भेजा था। क्रांति कहती हैं, “अगर मां और कोच का साथ नहीं मिलता तो शायद मैं यहां तक नहीं पहुंच पाती।”

मई 2025 में क्रांति गौड़ ने श्रीलंका के खिलाफ अपन इंटरनेशनल डेब्यू किया था। इस मैच में उन्होंने अपने गेंदबाजी कौशल का शानदार प्रदर्शन किया था। लेकिन असली पहचान उन्हें आईसीसी विमेंस वर्ल्ड कप 2025 के दौरान मिली जब उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ तीन विकेट लेकर भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई थी। इंग्लैंड के खिलाफ मैच में उन्होंने छह विकेट लेकर इतिहास रच दिया था। फाइनल मुकाबले में भी उन्होंने एक विकेट लेकर भारत को जीत दिलाने में योगदान दिया था।

यह भी पढ़ें:भारतीय महिला टीम पहली बार बनी विश्व चैंपियन, फाइनल में साउथ अफ्रीका को 52 रन से हराया

टीम की ऐतिहासिक जीत के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने क्रांति गौड़ को एक करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की है। सरकार का कहना है कि देश की बेटियां हर क्षेत्र में नई ऊंचाइयां छू रही हैं और ऐसे उदाहरण आने वाली पीढ़ी को प्रेरित करेंगे। क्रांति गौड़ की यह यात्रा सिर्फ एक खिलाड़ी की कहानी नहीं बल्कि एक ऐसी बेटी की कहानी है जिसने सीमित साधनों में भी अपने सपनों को जिंदा रखा। नंगे पैर खेलना शुरू करने वाली इस आदिवासी बेटी ने अब भारत को विश्व विजेता बनाकर अपने गांव, प्रदेश और देश का नाम रोशन किया है।