MP में तेजी से घट रही गधों की संख्या, 28 साल में 94 फीसदी की गिरावट, गधा विहीन हुए 9 जिले

पशुधन गणना रिपोर्ट के अनुसार राज्य में अब केवल 3,052 गधे बचे हैं। यह संख्या 1997 में 49,289 थी, यानी पिछले तीन दशकों में गधों की आबादी में 94 फीसदी की कमी आई है।

Updated: Oct 23, 2025, 06:07 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में गधों का विलुप्त होने का खतरा बढ़ गया है। राज्य में गधों की संख्या में चिंताजनक गिरावट दर्ज की गई है। पशुधन गणना रिपोर्ट के अनुसार राज्य में अब केवल 3,052 गधे बचे हैं। यह संख्या 1997 में 49,289 थी, यानी पिछले तीन दशकों में गधों की आबादी में 94 फीसदी की कमी आई है।

मध्य प्रदेश के 55 जिलों में से 9 जिलों ने गधों की संख्या शून्य दर्ज की है। इसका मतलब है कि उन जिलों में गधे लगभग खत्म हो चुके हैं। पशु जनगणना के आंकड़ों के अनुसार, नर्मदापुरम जिले में गधों की संख्या सबसे अधिक है। जिले में 332 गधे हैं। इसके बाद 232 गधों के साथ छतरपुर दूसरे स्थान पर है। रीवा 226 और मुरैना में 228 गधे पाए गए हैं। भोपाल में मात्र 56 गधे बचे हैं। वहीं विदिशा, जो कभी गधों के लिए जाना जाता था और जहाँ 6,400 से ज्यादा गधे थे, अब केवल 171 गधे ही बचे हैं।

दूसरी ओर, डिंडोरी, निवाड़ी, सिवनी, हरदा और उमरिया जैसे जिलों में गधों की संख्या अब शून्य हो चुकी है, जिससे वहां गधे स्थानीय तौर पर विलुप्त हो चुके हैं। मध्य प्रदेश में गधों की संख्या में आई इतनी भारी गिरावट चिंताजनक है। गधे, जो ग्रामीण जीवन और खेती-किसानी से लेकर परिवहन और व्यापार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे, अब धीरे-धीरे गायब होते जा रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इस पर तुरंत ध्यान नहीं दिया गया तो भविष्य में गधे पूरी तरह से विलुप्त हो सकते हैं।

विशेषज्ञों के मुताबिक चीन में गधों की खाल की मांग इसके तेजी से खत्म होने का एक बड़ा कारण है। चीन की "एजिआओ" उद्योग में गधों की खाल से निकलने वाले जि‍लेटिन का उपयोग पारंपरिक टॉनिक, अफ्रोडिजिएक और एंटी-एजिंग क्रीम बनाने में किया जाता है। इस वजह से गधों का शिकार तेजी से बढ़ा है।

पशु जनगणना में यह भी सामने आया है कि मध्य प्रदेश में कुल 3.75 करोड़ पशु हैं। इनमें 1.57 करोड़ गायें, 1.02 करोड़ भैंसें, 1.09 करोड़ बकरियां, 5.58 लाख भेड़ें, 9,971 घोड़े, 972 खच्चर, 2,896 ऊंट और 89,177 सूअर शामिल हैं। राज्य में एक ओर कहां गधों की संख्या में लगातार गिरावट हो रही है, अन्य पशु समूहों की संख्या स्थिर या बढ़ रही है।