परिवहन घोटाले को लेकर विधानसभा में कांग्रेस का प्रदर्शन, सोने की प्रतीकात्मक ईंटें लेकर पहुंचा विपक्ष

कांग्रेस के विधायक काले एप्रन पहनकर और हाथ में प्रतीकात्मक तौर पर सोने की ईंटें लेकर विधानसभा पहुंचे। वे करोड़पति कॉन्स्टेबल मामले में जांच की मांग कर रहे थे।

Updated: Mar 13, 2025, 12:49 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र का आज चौथा दिन है। सदन में आज भी विपक्ष का हंगामा देखने को मिला। कांग्रेस के विधायक काले एप्रन पहनकर और हाथ में प्रतीकात्मक तौर पर सोने की ईंटें लेकर विधानसभा पहुंचे। एप्रन पर हड्डियों का ढांचा भी बना है। उन्होंने परिवहन घोटाले जांच की मांग की और 'सोने की ईंट किसकी है, जांच कराओ' के नारे लगाए।

कांग्रेस विधायक पूर्व परिवहन कांस्टेबल सौरभ शर्मा के मामले को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। कांग्रेस का कहना है कि जांच एजेंसी अब तक पता नहीं लग पाई कि कार से मिला पैसा और सोना किसका है। सरकार आरोपी अधिकारियों और नेताओं को बचाना चाहती है। प्रदेश की जनता बेहाल है और अधिकारी मस्त हैं। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने आरोप लगाया है कि भाजपा सरकार भ्रष्टाचार के मामलों पर चुप्पी साधे हुए है और RTO घोटाले मामले पर चर्चा से भी बच रही है।

कांग्रेस विधायकों ने कहा कि कोई ये बोलने बताने वाला नहीं है कि करोड़ों का 52 सोना और 10 करोड़ रुपए किसके हैं? कांग्रेस विधायक दल के हाथों में जो तख्तियां थी उन पर अधिकारियों समेत भाजपा सरकार में मंत्रियों और नेताओं के नाम लिखकर उन्हें एमपी के परिवहन घोटाले का सूत्रधार बताया। तख्तियों पर लिखा था, 'परिवहन घोटाले का सूत्रधार अलीम खान, वीआरएस लिया या घोटाले से पीछा छुड़ाया। वहीं एक अन्य तख्ती पर लिखा था परिवहन घोटाले का सूत्रधार संजय श्रीवास्तव, वकील की आड़ में करोड़ों की हेराफेरी।

बता दें कि विधान सभा बजट सत्र की शुरुआत ही हंगामे के साथ हुई और हर दिन विपक्ष बजट सत्र में हंगामा और प्रदर्शन कर रहा है। गुरुवार को प्रदर्शन के बाद कांग्रेस विधायकों को मार्शल ने काले एप्रन में सदन में प्रवेश की अनुमति नहीं दी। ऐसे में सभी विधायक एप्रन बाहर ही उतारकर अंदर गए। 

विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि प्रदेश के छात्र कितने उद्योगों में लगे, इस पर सरकार कहती है कि बेरोजगारों की जानकारी संधारित नहीं की जाती। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के अनुसार, देश में मध्यप्रदेश कुपोषण के मामले में चौथे स्थान पर है। भुखमरी के मामले में बिहार के बाद मध्यप्रदेश दूसरे नंबर पर है। किसान-युवा परेशान हैं। 200 रुपए के बकाए वाले गरीब की बिजली का कनेक्शन काट दिया जाता है लेकिन 10 करोड़ के बकायादार उद्योगपति का कनेक्शन नहीं काटा जाता है।