अब जनता आपका मेंटल इलाज करेगी, सीएम चौहान पर भड़के कमलनाथ के मीडिया सलाहकार

कमलनाथ को लेकर अमर्यादित टिप्पणी कर चौतरफा घिरे सीएम शिवराज, पीसीसी चीफ ने बताया सड़क छाप गुंडों की भाषा, पीयूष बबेले बोले- अब जनता शिवराज जी का मेंटल इलाज करेगी।

Updated: Apr 07, 2023, 02:58 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में चुनाव नजदीक आते ही नेताओं की भाषाई मर्यादा समाप्त होने लगी है। सियासत में चाल, चरित्र और चेहरे की बात करने वाली बीजेपी के नेता इस मामले में सबसे आगे हैं। स्वयं सूबे के मुखिया शिवराज सिंह चौहान आज सार्वजनिक बहस का स्तर गिराने में जुटे हुए हैं। सीएम चौहान ने शुक्रवार को अपनी कुंठा को सार्वजनिक करते हुए पूर्व सीएम कमलनाथ को पागल कह डाला। इस बयान के बाद अब सीएम चौहान चौतरफा घिरे हुए हैं।

पीसीसी चीफ कमलनाथ ने इस बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि, "प्रदेश के मुख्यमंत्री के भीतर से सारी मर्यादा, संस्कार और सभ्यता समाप्त हो चुके हैं। वे एक सड़क छाप गुंडों की जैसी भाषा बोल रहे हैं।" कमलनाथ के मीडिया सलाहकार पीयूष बबेले समेत तमाम कांग्रेस नेताओं ने भी सीएम के इस भाषा की आलोचना की है। पीयूष बबेले ने कहा कि शिवराज जी अब जनता आपका मेंटल इलाज करेगी।

पीयूष बबेले ने ट्वीट किया, "शिवराज जी आपने कमलनाथ जी को पागल नहीं कहा है... आपने मध्य प्रदेश के विकास को पागल कहा है। आपने मध्य प्रदेश की अस्मिता को पागल कहा है। आपने हनुमान भक्तों को पागल कहा है। आपने विश्व में हनुमान जी की सबसे बड़ी मूर्ति बनाने वाले को पागल कहा है।आपने किसानों के कर्जमुक्ति दाता को पागल कहा है।आपने पिछड़े वर्ग को 27% आरक्षण देने वाले को पागल कहा है। आपने मध्यप्रदेश में नया सवेरा लाने वाले को पागल कहा है।"

बबेले ने अपने ट्वीट में आगे लिखा है कि, "शिवराज जी आपने पुजारियों का मानदेय बढ़ाने वाले को पागल कहा है। आपने महाकाल मंदिर का भव्य निर्माण कराने वाले को पागल कहा है। आपने ₹100 में 100 यूनिट बिजली देने वाले को पागल कहा है।आपने ₹500 में गैस का सिलेंडर देने का वादा करने वाले को पागल कहा है। आपने बहनों को ₹1500 महीना देने का वचन देने वाले को पागल कहा है। आपने मध्य प्रदेश के भविष्य को पागल कहा है। शिवराज जी आपने जनता को बहुत पागल बनाया है, अब जनता आपका मेंटल इलाज करेगी। आपको घुटने टेककर एमपी की जनता और कमलनाथ जी से माफ़ी माँगनी चाहिए।"

अब सवाल ये है कि आए दिन भाजपा नेताओं की ओर से जिस तरह के बयान सुनने को मिल रहे हैं, क्या वे एक सभ्य समाज की निशानी कहे जा सकते हैं?
सार्वजनिक बहसों की गुणवत्ता जरूरी होती है, लेकिन राजनीति में सार्वजनिक बहस का स्तर भाजपा नेताओं द्वारा लगातार गिराया जा रहा है। यह पहली बार नहीं है जब सीएम चौहान ने भाषणों के माध्यम से कांग्रेस नेताओं को लेकर अपनी कुंठा का प्रदर्शन किया हो। हाल ही में उन्होंने छिंदवाड़ा में कहा था कि वे कमलनाथ की राजनीति अंत छिंदवाड़ा में गडढा खोदकर गाड़ कर करेंगे।