रतलाम: प्रसव पीड़ा से कराहती महिला को दो बार अस्पताल से लौटाया, ठेले पर हुई डिलीवरी, नवजात की मौत

मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में एक गर्भवती महिला को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से दो बार लौटा दिया गया, जिसके बाद उसने हाथ ठेले पर डिलीवरी दी और नवजात की मौत हो गई।

Updated: Apr 01, 2025, 03:50 PM IST

रतलाम। मध्य प्रदेश में सरकारी अस्पताल की लापरवाही का एक शर्मनाक मामला सामने आया है। रतलाम के सैलाना में प्रसव पीड़ा से कराहती महिला को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से दो बार लौटा दिया गया। तीसरी बार जब फिर दर्द उठा तो, पति अपनी गर्भवती पत्नी को हाथ ठेले पर ही अस्पताल ले जाने के लिए निकला। इसी दौरान गर्भवती महिला की हाथ ठेले पर ही डिलीवरी हो गई और नवजात की मौत हो गई।

बताया जा रहा है कि सैलाना के कालिका माता रोड के रहने वाले कृष्णा ग्वाला की पत्नी नीतू के साथ हुई। प्रसव पीड़ा होने की वजह से उसे दो बार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया लेकिन दोनों बार उसे वहां से लौटा दिया गया। जब रात में महिला को फिर से प्रसव पीड़ा हुई तो पति को अस्पताल ले जाने के लिए कोई साधन नहीं मिला। वह अपने हाथ ठेले पर ही पत्नी को लिटाकर ले गया।

यह भी पढ़ें: खजुराहो: युवक ने गदा से पीट-पीटकर कि पिता की हत्या, चचेरे भाई पर भी किया हमला

इस दौरान ठेले पर ही महिला की डिलीवरी हो गई और नवजात की मौत हो गई। हाथ ठेला पर महिला को ले जाते हुए सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है। पीड़िता के पति कृष्णा ने इस मामले में एसडीएम मनीष जैन को शिकायत की। नवजात की मौत के लिए उन्होंने अस्पताल प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है। 

मामला तूल पकड़ने के बाद सिविल सर्जन डॉक्टर एस सागर ने लापरवाही बरतने वाली दोनों नर्स चेतना चारेल और गायत्री पाटीदार को निलंबित कर दिया है। वहीं, ड्यूटी डॉक्टर पर कार्रवाई के लिए चिकित्सा विभाग के उच्च अधिकारियों को लिखा गया है।

अब सवाल यह है कि अगर कोई गर्भवती महिला डिलीवरी के लिए सरकारी अस्पताल जाती है तो आखिर उसे लौटाया क्यों गया? किन परिस्थितियों में उसे वापस घर भेज दिया गया? यह सवाल फिलहाल अनुत्तरित हैं। मामले पर विपक्षी दलों के नेताओं ने मोहन सरकार को घेरा है।

समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, 'भाजपा शासन जहाँ-जहाँ है फिर वो उत्तर प्रदेश हो या मध्य प्रदेश सब जगह स्वास्थ्य और चिकित्सा सेवाएं बदहाल हैं। मध्य प्रदेश से आया ये समाचार बेहद दुखद है कि एक गर्भवती महिला प्रसव पीड़ा के बावजूद अस्पताल से दो बार लौटा दी गयी और रास्ते में हुए प्रसव में नवजात शिशु की मौत हो गई। ये संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है।'