शर्मनाक: नाबालिग बच्चियों से रेप के मामले में MP फिर नंबर 1, आदिवासी उत्पीड़न के मामलों में भी अव्वल

आत्महत्या के मामले में तीसरे नंबर पर मध्य प्रदेश, दलित आदिवासियों के साथ अत्याचार और नाबालिगों के साथ बलात्कार में नंबर वन, कमलनाथ बोले- दाग अभी भी बरकरार

Updated: Aug 30, 2022, 06:37 AM IST

भोपाल। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट ने मध्य प्रदेश को एक बार फिर शर्मसार कर दिया है।एनसीआरबी 2021 रिपोर्ट के मुताबिक देशभर में बच्चों के लिए मध्य प्रदेश सबसे असुरक्षित राज्य है। मासूम बच्चियों के साथ बलात्कार के मामले में मध्य प्रदेश टॉप पर है। इसके अलावा दलितों और आदिवासियों के उत्पीड़न के मामलों में भी मध्य प्रदेश ने सभी राज्यों को पछाड़ दिया है।

NCRB की रिपोर्ट के अनुसार साल 2021 में देश में नाबालिग बच्चियों से दुष्कर्म के कुल 33 हजार 036 मामले सामने आए। इनमें 3 हजार 515 केस मध्य प्रदेश में दर्ज हुए। यानी हर तीन घंटे में एक मासूम के साथ दुष्कर्म हुआ। साल 2020 में भी यही स्थिति थी। तब 5 हजार 598 दुष्कर्म के केस रजिस्टर हुए थे। इनमें 3 हजार 259 मामले नाबालिग बच्चियों के साथ दुष्कर्म के थे। तब भी मध्य प्रदेश देश में नंबर वन था। 
साल 2021 में राज्य में महिलाओं से ज्यादती के कुल 6 हजार 462 घटनाएं हुईं। 

मध्य प्रदेश ने दलितों और आदिवासियों के खिलाफ अत्याचार में भी सभी राज्यों को पछाड़ दिया है। साल 2021 में यहां एससी/एसटी एक्ट के तहत 2627 मामले दर्ज हुए थे। यह 2020 की तुलना में करीब 9.38% ज्यादा हैं। 2020 में 2401 मामले आए थे। मध्य प्रदेश आत्महत्या के मामले में टॉप 3 में शामिल है। यहां साल 2021 में आत्महत्या की 13 हजार 500 घटनाएं दर्ज हुई।


एनसीआरबी का डाटा सामने आने के बाद पीसीसी चीफ कमलनाथ ने राज्य सरकार पर हमला बोला है। कमलनाथ ने ट्वीट किया, 'एनसीआरबी की ताज़ा रिपोर्ट ने एक बार फिर शिवराज सरकार के तमाम दावों व सुशासन की पोल खोल कर रख दी है। मध्य प्रदेश जो मासूम बच्चियों से दुष्कर्म में वर्षों से देश में अव्वल है, उस पर लगा यह दाग अभी भी बरकरार है। आज मध्यप्रदेश में कोई भी वर्ग सुरक्षित नहीं है।'

उन्होंने आगे लिखा कि, 'मैं प्रारंभ से ही है कहता रहा हूँ कि आज प्रदेश में बहन- बेटियों को सबसे ज्यादा सुरक्षा व सम्मान की आवश्यकता है। शिवराज जी की सरकार जनता को गुमराह करने के लिए इनका मंचों पर पूजन तो करती हैं लेकिन वर्षों से इन्हें सुरक्षा व सम्मान देने में यह सरकार पूरी तरह से असफल साबित हुई  हैं। शिवराज सरकार को इस रिपोर्ट के बाद अपनी नाकामी स्वीकारते हुए अविलंब प्रदेश की जनता से, बहन-बेटियों से माफी मांगना चाहिए व जिम्मेदारों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करना चाहिए और प्रदेश के माथे पर वर्षों से लगे इस दाग को धोने के लिये कड़े कदम उठाना चाहिये।'