MP में रेत माफिया के हौसले बुलंद, रोक के बावजूद नर्मदा-पार्वती नदियों में हो रहा अवैध खनन
नर्मदा पुरम के एक दर्जन रेत घाट बंद हैं। इसके बावजूद दंबग रेतमाफिया के लोगों द्वारा जिले में बड़ी-बड़ी पोकलेन मशीनों के जरिए नर्मदा नदी से रेत निकाली जा रही है।
भोपाल। मध्य प्रदेश में चार चरणों का चुनाव 13 मई को समाप्त हो गया था, अब रिजल्ट का इंतजार है। चार जून को रिजल्ट आना है, तो वहीं प्रदेश भर का प्रशासनिक अमला भी मतगणना की व्यवस्थाओं में व्यवस्थाओं है। प्रशासन की इस व्यस्तता का फायदा रेत माफिया जमकर उठा रहे है। राज्य में अवैध रेत खनन जोरों पर हो रहा है।
नर्मदापुरम जिले में एनजीटी के आदेश की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। जिले में बीते आठ महीने से रेत खदानें ठेकेदारों को हैंडओवर नहीं हो सकी है। तीन समूहों में नर्मदापुरम जिले की 118 रेत खदानें है। मजूंरी नहीं मिलने से यह खदानें शुरू नहीं की जा सकी। इसके बावजूद दबंग रेत माफिया नर्मदा नदी से रेत निकालने का काम कर रहे है। इस अवैध काम से जहां माफिया मालामाल हो रहे हैं, तो वहीं सरकार को भी राजस्व का जबरदस्त नुकसान उठाना पड़ रहा है।
बता दें मध्य प्रदेश में भिंड, मुरैना, शहडोल, बैतूल हरदा देवास धार आदि जिलों में सोन, चंबल, पार्वती, नर्मदा नदियों से अवैध तरीके से रेत निकालने का काम होता है। इन दिनों पार्वती नदी सूख गई है। लेकिन खनन जारी है। वहीं, माफियाओं का हौसला इतना बुलंद है कि कार्रवाई करने पहुंची टीम पर जानलेवा हमला करने से भी नहीं बचते।
नर्मदापुरम जिला मुख्यालय की बात करें तो नर्मदा के करबला-खर्राघाट, जावली, आमखेड़ी डोंगरवाड़ा, बरंडुआ, पुलघाट-खोजनपुर, ग्राम रायपुर, मालाखेड़ी, बांद्राभान, सांगाखेड़ा पुल, निमसाडिय़ा, तवा पुल के आसपास सहित बाबई, सेमरी, सोहागपुर, पिपरिया, बनखेड़ी, सिवनीमालवा, डोलरिया सति अनेक रेत खदानें हैं। इन सभी खदानों पर रेत निकालने पर प्रतिबंध है, बावजूद यहां दिन-रात 24 घंटे ही हाईटेक पोकलेन मशीनों के माध्यम से रेत निकालने का काम जारी है।