गांव-गांव से ईंट एकत्रित कर बनाएंगे संत रविदास का मंदिर, आंबेडकर महाकुंभ में सीएम चौहान का ऐलान

ग्वालियर में अंबेडकर महाकुंभ में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने अनुसूचित जाति समाज की प्रमुख उप जातियों के अलग-अलग कल्याण बोर्ड बनाने का ऐलान किया।

Updated: Apr 16, 2023, 06:43 PM IST

ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में रविवार को आयोजित राज्यस्तरीय आंबेडकर महाकुंभ में सीएम शिवराज ने कई बड़े ऐलान किए। मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुसूचित जाति समाज की प्रमुख उप जातियों के अलग-अलग कल्याण बोर्ड बनाएंगे। जैसे कोरी कल्याण बोर्ड, जाटव कल्याण बोर्ड... इनके अध्यक्ष और सदस्य भी बनाएंगे। अध्यक्ष को मंत्री का दर्जा दिया जाएगा। इनकी जिम्मेदारी समाज के बीच दौरा करना और समस्याएं जानने का होगा। इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री सिंधिया, नरेंद्र सिंह तोमर समेत दर्जनों विधायक व मंत्री मौजूद रहे।

शिवराज सिंह चौहान ने इस दौरान जय भीम का नारा लगाते हुए अपनी स्पीच की शुरुआत की। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, 'जिस बाबा साहब अंबेडकर ने संविधान बनाया, उन्हें चुनाव में हरवाने का काम कांग्रेस ने किया। बाबा साहब के बनाए संविधान पर मोदी जी और हम सरकार चला रहे हैं। कांग्रेस ने कभी बाबा साहब महाकुंभ का आयोजन नहीं किया। स्मारक नहीं बनाया। स्मारक बने तो नेहरू खानदान के बने। महू में बाबा साहब का स्मारक बनाया तो भाजपा सरकार ने बनाया।'

सीएम चौहान ने इस दौरान ऐलान करते हुए कहा कि, 'सागर में 100 करोड़ रुपए की लगात से संत रविदास का मंदिर बनाया जाएगा। जिसके लिए आपके गांव की एक-एक ईंट भी मंदिर में लगना चाहिए। इसलिए बीजेपी प्रदेश में गांव गांव से ईंट एकत्रित करेगी। रविदास जी के मंदिर में प्रदेश भर से लाई गई ईंट लगाई जाएंगी।' उन्होंने आगे कहा कि जिन परिवारों की वार्षिक आय 6 लाख रुपए होती थी उनकी फीस सरकार भरवाती थी। अब 8 लाख की आय तो भी फीस भाजपा सरकार भरवाएगी। 

कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया बाबा साहेब पर अपने ससुराल वालों के पूर्वजों द्वारा किए गए कथित एहसान का बखान करते नजर आए। उन्होंने कहा, 'मेरी पत्नी के पूर्वज सयाजीराव गायकवाड़ महाराज ने बाबा साहब को पढ़ाई के लिए विदेश भेजा था। कांग्रेस ने बाबा साहब को कभी सम्मान नहीं दिया। 75 साल बाबा साहब को सम्मान के लिए इंतजार करना पड़ा।' इस दौरान उन्होंने हाथ जोड़कर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से निवेदन करते हुए कहा, ग्वालियर में अंबेडकर धाम बनाने के लिए सरकारी जमीन दें।

बता दें कि चुनावी साल में बीजेपी दलित-आदिवासियों को रिझाने के लिए हर हथकंडा अपना रही है। राज्य सरकार द्वारा दलित और आदिवासी समुदाय को आकर्षित के लिए बड़े-बड़े इवेंट कराए जा रहे हैं। जबकि मध्य प्रदेश दलित और आदिवासियों के उत्पीड़न के मामले में अग्रणी राज्य है। शिवराज सरकार भाषणों से दलितों को अपने पक्ष में करना चाहती है। जबकि अंबेडकर महाकुंभ में दलित महिलाओं तक से बुरा बर्ताव किया गया। आंबेडकर महाकुंभ में सीएम शिवराज जब खुद को दलित हितैषी साबित कर रहे थे, उसी वक्त बाहर काले दुपट्टे पहनकर आई दलित महिलाओं से छीनकर रखवा लिए गए। इसके बाद ही उन्हें कार्यक्रम में एंट्री दी गई।