यह स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान, माफी मांगनी चाहिए, मोहन भागवत पर बरसे दिग्विजय सिंह

दिग्विजय सिंह ने ग्वालियर में कहा कि संविधान के मूल प्रिंसिपल में चार बातें हैं—धार्मिक सद्भाव, भाईचारा, न्याय, और समानता—इन्हें हम पूरी तरह से पालन करते हैं, लेकिन भाजपा इनका पालन नहीं कर रही है।

Updated: Jan 16, 2025, 07:26 PM IST

ग्वालियर। मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह गुरुवार को अल्प प्रवास पर ग्वालियर पहुंचे। यहां मीडिया से बातचीत के दौरान वे संघ प्रमुख पर जमकर बरसे। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मोहन भागवत ने स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान किया है। उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए।

RSS प्रमुख मोहन भागवत द्वारा सच्ची आज़ादी पर दिए गए विवादास्पद बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा, 'मैं इस बयान की घोर निंदा करता हूं। भागवत जी ने देश के लाखों करोड़ों लोगों की भावनाओं का अपमान किया है। शहीद भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद, अशफाकउल्लाह, गणेश शंकर विद्यार्थी और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान किया गया है, जिन्होंने देश के लिए शहादत दी।'

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दिग्विजय सिंह ने कहा, 'महात्मा गांधी, जिन्होंने आज़ादी की लड़ाई में अपना पूरा जीवन समर्पित किया, पंडित नेहरू, सरदार पटेल, और लाखों अन्य लोग जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में योगदान दिया, उनका भी अपमान किया गया है। पंडित नेहरू का पूरा परिवार जेल में था, उनके माता-पिता, पत्नी और बेटी सब जेल में थे। यह अपमान उन स्वतंत्रता सेनानियों का है जिन्होंने ब्रिटिश हुकूमत की लाठियां और गोलियां खाई, जबकि RSS के लोग ब्रिटिश हुकूमत का साथ दे रहे थे और मुस्लिम लीग के साथ सरकारें बना रहे थे। हिंदू महासभा के लोग, जैसे श्यामा प्रसाद मुखर्जी, बंगाल में मुस्लिम लीग के साथ डिप्टी चीफ मिनिस्टर थे।'

दिग्विजय सिंह ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा द्वारा राहुल गांधी की महू यात्रा पर दिए गए बयान पर पलटवार करते हुए कहा, 'वीडी शर्मा से पूछना चाहता हूं कि क्या उन्होंने भारतीय संविधान पढ़ा है? भारतीय संविधान की कौन सी धारा का कांग्रेस पार्टी विरोध करती है? संविधान के मूल प्रिंसिपल में चार बातें हैं—धार्मिक सद्भाव, भाईचारा, न्याय, और समानता—इन्हें हम पूरी तरह से पालन करते हैं, लेकिन भाजपा इनका पालन नहीं कर रही है।'

दिग्विजय सिंह ने आगे कहा, 'भारतीय जनता पार्टी के कई नेता कह चुके हैं कि हम संविधान को बदल देंगे।' उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के समय गठित एक आयोग का हवाला देते हुए कहा, 'जिसे भारतीय संविधान में विश्वास नहीं है, वह बाबा साहेब की भावनाओं को नहीं समझ सकता। वीडी शर्मा जी को थोड़ा इतिहास देखना चाहिए। जब भारतीय संविधान को अपनाया गया था, तब RSS ने इसका खुलकर विरोध किया था और उसकी प्रतियां जलायी थीं।'

इस दौरान केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बयान पर पलटवार करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा, 'ज्योतिरादित्य सिंधिया एक उदाहरण दें जब मैंने स्वर्गीय माधवराव सिंधिया के खिलाफ कुछ बोला हो। माधवराव सिंधिया को मैं और अर्जुन सिंह कांग्रेस में लेकर आए थे। सिंधिया मेरे बेटे के समान हैं, लेकिन अब वह हमारी पार्टी से बाहर निकल कर चले गए हैं, इसलिए आज उल्टी बातें कर रहे हैं। जब सिंधिया जी कांग्रेस में थे, तब वह कहते थे कि बीजेपी ISI और पाकिस्तान का सहयोग करती है, लेकिन अब जब वह उस पार्टी में शामिल हो गए हैं, तो वही बातें करने लगे हैं।'