भूकंप से तिब्बत में भारी तबाही, अब तक 53 लोगों की मौत, बड़े पैमाने पर इमारतों को पहुंचा नुकसान

फिलहाल भारत में भूकंप से जान माल के नुकसान की कोई सूचना नहीं है। नेपाल और चीन में भी नुकसान की अब तक कोई खबर नहीं मिली है।

Updated: Jan 07, 2025, 02:01 PM IST

तिब्बत में मंगलवार सुबह आई भूकंप से भीषण तबाही मची है। अब तक 53 लोगों की मौत की खबर है। भूकंप से तिब्बत में बड़े पैमाने पर इमारतों को नुकसान पहुंचा है। बताया जा रहा है कि तिब्बत में सुबह एक घंटे के भीतर 6 बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। 

रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 7.1 मापी गई है।भूपंक के झटके नेपाल, भारत, बांग्लादेश और भूटान के कई हिस्सों में महसूस किए गए। सिक्किम समेत पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों, बिहार और पश्चिम बंगाल समेत उत्तर भारत के विभिन्न हिस्सों में सुबह भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। वहीं, नेपाल की राजधानी काठमांडू में भूकंप के तेज झटके महसूस। लोग अपने घरों से घबरा कर बाहर निकल गए।

भूकंप का असर नेपाल, भूटान सहित भारत सिक्किम, उत्तराखंड में भी दिखा। फिलहाल भारत में भूकंप से जान माल के नुकसान की कोई सूचना नहीं है। नेपाल और चीन में भी नुकसान की अब तक कोई खबर नहीं मिली है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, कई इमारतों समेत इंफ्रास्ट्रक्चर को बड़े पैमाने पर भूकंप से नुकसान पहुंचा है।

जानकारी के मुताबिक भूकंप का केंद्र 28.5 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 87.45 डिग्री पूर्वी देशांतर पर था। चीन भूकंप नेटवर्क केंद्र द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, भूकंप 10 किलोमीटर की गहराई पर आया है। नेपाल उस क्षेत्र में बसा है, जहां भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेट टकराती हैं, जिससे हिमालय बनता है और अक्सर भूकंप आते रहते हैं। साल 2015 में नेपाल में आए 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें करीब 9,000 लोग मारे गए थे और 22,000 से ज़्यादा लोग घायल हो गए थे। इसमें पांच लाख से ज्यादा घर तबाह हो गए।

बता दें कि पृथ्वी के अंदर सात प्लेट्स मौजूद हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जिस भी जगह पर ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहा जाता है। जब ये प्लेट्स बार-बार टकराती हैं तो इनके कोने मुड़ते हैं। ज्यादा दबाव बनने पर ये प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे दबी एनर्जी बाहर आने का रास्ता ढूंढती है और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।