छतरपुर जिला अस्पताल में इलाज न मिलने से युवक की मौत, गुस्साए परिजनों ने किया चक्काजाम

छतरपुर जिला अस्पताल में इलाज न मिलने के कारण शुक्रवार-शनिवार की रात एक आदिवासी युवक संजय की तड़प-तड़पकर मौत हो गई। इस घटना से गुस्साए परिजनों ने शनिवार सुबह डाकखाने चौराहे पर सड़क जाम कर दिया।

Updated: Feb 08, 2025, 04:18 PM IST

Photo Courtesy: DB
Photo Courtesy: DB

छतरपुर| जिला अस्पताल में इलाज न मिलने के कारण शुक्रवार-शनिवार की रात एक आदिवासी युवक संजय की तड़प-तड़पकर मौत हो गई। इस घटना से गुस्साए परिजनों ने शनिवार सुबह डाकखाने चौराहे पर सड़क जाम कर दिया और अस्पताल प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

परिजनों ने आरोप लगाया कि हादसे में घायल संजय को रात 8:30 बजे अस्पताल लाया गया, लेकिन वहां कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था। संजय को मामूली इलाज के बाद वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया और गंभीर हालत के बावजूद डॉक्टरों ने कोई ध्यान नहीं दिया। रातभर परिजन डॉक्टर के लिए भटकते रहे, लेकिन किसी ने नहीं सुनी, जिससे रात 3:30 बजे संजय ने दम तोड़ दिया।

यह भी पढ़ें: ग्वालियर में 60 करोड़ की जमीन के विवाद में चली गोलियां, पूर्व सरपंच के बेटे की मौत

परिजनों का यह भी आरोप है कि अस्पताल के डॉक्टर और नर्स इलाज के लिए पैसे मांग रहे थे और गरीबों की कोई सुनवाई नहीं हो रही थी। इसी आक्रोश में परिजनों ने मृतक की घायल पत्नी और बेटियों को स्ट्रेचर पर बाहर लाकर सड़क पर प्रदर्शन किया।

शनिवार सुबह 7:30 बजे से ग्रामीण और परिजन सड़क पर बैठकर प्रदर्शन करने लगे, जिससे चौक बाजार रोड, जिला न्यायालय रोड, पन्ना रोड और चौबे तिराहा रोड पर भारी जाम लग गया। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर समझाइश दी, जिसके बाद सुबह 9 बजे जाम खोला गया।

इस घटना के दो दिन पहले ही कलेक्टर पार्थ जायसवाल ने जिला अस्पताल का निरीक्षण किया था, जहां कई डॉक्टर ड्यूटी से नदारद पाए गए थे। बावजूद इसके अस्पताल प्रशासन की लापरवाही में कोई सुधार नहीं हुआ। पुलिस ने परिजनों को न्याय दिलाने और अस्पताल प्रशासन की लापरवाही की जांच करने का आश्वासन दिया है। वहीं सिविल सर्जन जीएल अहिरवार ने कहा कि इलाज में लापरवाही और पैसों की मांग के आरोपों की जांच की जाएगी।