मुंह में राम बगल में छुरी, PM मोदी के जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम को भूरिया ने बताया दिखावा

जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम को युवा आदिवासी नेता विक्रांत भूरिया ने बताया दिखावा, बोले- आप तो हमें आदिवासी नहीं वनवासी कहते हैं, हमारी पहचान छीनकर हमारे हितैषी कैसे हो सकते हैं

Updated: Nov 14, 2021, 05:24 AM IST

भोपाल। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक बिरसा मुंडा की जयंती पर मध्य प्रदेश में सियासत तेज हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मौके पर राजधानी भोपाल में जनजातीय गौरव सम्मेलन करने वाले हैं। सरकार इस सम्मेलन को व्यापक बनाने के लिए करोड़ों रुपए फूंक रही है। इसी बीच युवा आदिवासी नेता ने प्रधानमंत्री से पूछा है कि आप हम आदिवासियों की पहचान छीनकर हमारे हितैषी कैसे हो सकते हैं।

मुंह में राम बगल में छुरी: विक्रांत भूरिया

युवा आदिवासी नेता व एमपी यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष विक्रांत भूरिया ने पीएम के इस आयोजन को दिखावा करार देते हुए कहा है कि इन लोगों के मुंह मे राम बगल में छुरी है। यही पीएम मोदी और बीजेपी की सच्चाई है। भूरिया ने कहा कि, 'बीजेपी वालों को हम आदिवासियों को आदिवासी बोलने तक में आपत्ति है। वे हमें वनवासी कहते हैं, पीएम मोदी और सीएम शिवराज बताएं कि वे हम आदिवासियों की पहचान छीनकर हमारे हितैषी कैसे हो सकते हैं?'

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विक्रांत भूरिया ने पीएम मोदी के लिए हो रहे भव्य आयोजन के खर्चे को लेकर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। भूरिया ने कहा है कि आदिवासियों के पैसों का इस्तेमाल पीएम मोदी और सीएम शिवराज अपना चेहरा चमकाने के लिए कर रहे हैं। ये वही लोग हैं जो प्रदेश के आदिवासी इलाकों में 6 हजार स्कूल बंद करने पर तुले थे। बीजेपी के पास हजारों करोड़ रुपए पार्टी फंड में है, इसके बावजूद हम आदिवासियों के हक के पैसे अपने राजनैतिक कार्यक्रम में इस्तेमाल कर रहे हैं। इनकी कल्पना में समृद्ध आदिवासी है ही नहीं, ये चाहते हैं कि आदिवासियों को हमेशा शिक्षा से वंचित रखें ताकि उनका आर्थिक विकास न हो सके। और वे इनके असली चेहरे को नहीं पहचान सकें।'

अब छुपा नहीं है BJP का दोहरा चरित्र: विक्रांत

युवा आदिवासी नेता ने कहा है कि BJP का दोहरा चरित्र अब हमसे छुपा नहीं है। आदिवासी समुदाय इनके ढोंग को भलीभांति समझता है। उन्होंने कहा, 'पीएम मोदी कौन से आदिवासी गौरव की बात करते हैं। झाबुआ जिले के कुंदनपुर में BJP के मंडल महामंत्री जितेंद्र पांचाल ने नाबालिक आदिवासी छात्रा से बलात्कार की कोशिश की। जिसमे POCSO एक्ट तथा एट्रोसिटी एक्ट के तहत दबाव के बाद मुकदमा दर्ज हुआ। इसके पहले नेमावर में हुए बलात्कार और जघन्य हत्याकांड में भाजपा पदाधिकारियों की भूमिका संदेहास्पद रही है। बीजेपी हमें ये कौन सा गौरव दे रही है। आदिवासी समाज की बहनों का बलात्कार आपके जनजातीय गौरव की परिभाषा है?' 

भूरिया ने आगे कहा कि, 'बड़वानी, नीमच, खंडवा और बुधनी में बीते दिनों आदिवासियों के खिलाफ हुए अत्याचार के मामले आज भी हमारे लिए किसी सदमे से कम नहीं है। सच्चाई यही है की शिवराज सरकार आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा नहीं कर पा रही है। झूठे मामू अपनी भांजियों की रक्षा खुद की पार्टी में ही मौजूद हैवानों से नहीं कर पा रहे हैं। इतना ही नहीं बीजेपी के लोग सदैव ऐसे राक्षसों के पक्ष में खड़े नज़र आ रहे हैं।'