28 हफ्ते की रेप विक्टिम को गर्भपात की इजाजत, सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाईकोर्ट के रवैये पर जताई चिंता

पीड़ित महिला के साथ जनवरी 2023 में रेप हुआ। जिसके बाद वह प्रेग्नेंट हो गई। महिला अबॉर्शन कराना चाहती थी। मगर समय निकलता गया और उसकी प्रेग्नेंसी 28 हफ्ते की हो गई

Updated: Aug 21, 2023, 02:50 PM IST

नई दिल्ली। गुजरात की रहने वाली 28 हफ्ते की प्रेग्नेंट रेप विक्टिम को सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अबॉर्शन की इजाजत दे दी। महिला ने पहले हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हालांकि, कोर्ट ने बिना कारण बताए 17 अगस्त को उसकी याचिका खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाईकोर्ट के रवैए पर भी चिंता जाहिर की है।

पीड़ित 19 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट पहुंची। उसी दिन गुजरात हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए एक ऑर्डर जारी किया। जिसमें लिखा कि, उन्होंने पीड़ित पक्ष की याचिका खारिज करते हुए उनसे पूछा था कि क्या वह बच्चे को जन्म देकर उसे स्टेट को सौंपना चाहती हैं।
गुजरात हाईकोर्ट का यह ऑर्डर देख सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस नागरत्ना काफी नाराज हुईं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के किसी आदेश के जवाब में हाईकोर्ट से कुछ ऑर्डर आता है, इसे हम सही नहीं मानते। गुजरात हाई कोर्ट में यह क्या हो रहा है?

सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाइकोर्ट की आलोचना करते हुए कहा कि देश में कहीं भी नहीं होता कि कोई अदालत अपने से बड़ी अदालत के खिलाफ आदेश जारी करे। हमें आदेश को उचित ठहराने की ज़रूरत नहीं है। इसके अलावा मुझे यह कहते हुए खेद है कि लिया गया दृष्टिकोण संवैधानिक दर्शन के विरुद्ध है? आप कैसे अन्यायपूर्ण स्थिति कायम रख सकते हैं और बलात्कार पीड़िता को गर्भधारण के लिए मजबूर कर सकते हैं? शनिवार को हुई विशेष सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाईकोर्ट के रवैये पर चिंता जाहिर की थी। कोर्ट ने कहा था कि मामले के लंबित होने के कारण कीमती समय बर्बाद हो गया।

पीड़ित महिला के साथ जनवरी 2023 में रेप हुआ। जिसके बाद वह प्रेग्नेंट हो गई। महिला अबॉर्शन कराना चाहती थी। मगर समय निकलता गया और उसकी प्रेग्नेंसी 28 हफ्ते की हो गई। मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (MTP) एक्ट के तहत, 24 हफ्ते से ज्यादा की प्रेग्नेंसी अबॉर्ट कराने के लिए कोर्ट से इजाजत लेनी पड़ती है।