अमेरिका ने 116 और भारतीयों को जबरन डिपोर्ट किया, पुरुषों को हथकड़ियां और बेड़ियां लगाई

अमेरिका से 116 अवैध प्रवासियों का दूसरा समूह शनिवार रात अमृतसर एयरपोर्ट पहुंचा। पिछली बार की तरह इस बार भी उन्हें हथकड़ियां और बेड़ियां पहनाकर लाया गया था। हालांकि विमान से उतारने से पहले उन्हें हटा दिया गया।

Updated: Feb 16, 2025, 05:48 PM IST

अमृतसर। अमेरिका ने 116 और भारतीयों को जबरन वापस भेज दिया। अमेरिका से प्रवासी भारतीयों के दूसरे समूह को लेकर अमेरिकी सैन्य विमान सी-17 शनिवार रात्रि 11:33 बजे अमृतसर एयरपोर्ट पर उतरा। लौटाए गए भारतीयों को पिछली बार की तरह इस बार भी हथकड़ियां व बेड़ियां बांधकर लाया गया, जो उन्हें विमान से उतारने के पहले हटा ली गईं। 

रिपोर्ट्स के मुताबिक उड़ान में महिलाओं व बच्चों को हथकड़ियां नहीं डाली गईं, केवल पुरुषों को डाली गईं। डिपोर्ट किए गए 116 भारतीयों में पंजाब के 65, हरियाणा के 33, गुजरात के आठ, यूपी, महाराष्ट्र व राजस्थान के दो-दो, हिमाचल, जम्मू-कश्मीर व गोवा का एक-एक व्यक्ति है। इनमें अधिकांश 18 से 30 साल की उम्र के हैं।

एयरपोर्ट पर उनकी परिवार से मुलाकात कराई गई। करीब 5 घंटे की वैरिफिकेशन के बाद पुलिस की गाड़ियों में सभी को घर छोड़ा गया। इस दौरान किसी को भी मीडिया से बातचीत नहीं करने दी गई। अमृतसर एयरपोर्ट से एक तस्वीर सामने आई है, जिसमें सिख युवक बिना पगड़ी के जा रहा है। हालांकि युवक ने पगड़ी क्यों नहीं पहनी थी, इसकी वजह स्पष्ट नहीं हुई है। आशंका है कि अमेरिका द्वारा डिपोर्ट किए जाने के दौरान उसकी पगड़ी उतार दी गई हो। 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब विगत दिवस अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से वाशिंगटन में मुलाकात की, तो आशा की जा रही थी कि उन्होंने भारतीयों को हथकड़ियां लगाने का मुद्दा ट्रंप से समक्ष उठाया होगा और भारतीयों के लिए सम्मानजनक वापसी की बात कही होगी। हालांकि, उन्होंने बात की अथवा नहीं ये बात तो सामने नहीं आई। लेकिन अमेरिका अपनी हरकतों से बाज आता नहीं दिख रहा है।

अमेरिका ने एक बार फिर अपना वही अपमानजनक तरीका अपनाया है। भारतीय कूटनीति यहां अधिक काम आती नहीं दिखी। पिछली बार हथकड़ियां लगाकर जब भारतीयों को लाया गया था, तब भारी हंगामा हुआ था। विदेश मंत्री जयशंकर ने संसद में यह बयान दिया था कि अमेरिका में अवैध प्रवासियों को उनके देश भेजे जाने में यही प्रक्रिया अपनाई जाती है। विपक्षी सांसदों ने कहा था कि इस तरह से डिपोर्ट करना देशवासियों का अपमान है।