किसान नेता डल्लेवाल के अनशन का आज 61वां दिन, गणतंत्र दिवस पर देशभर में ट्रैक्टर रैली निकलेंगे किसान
26 जनवरी को देशभर में किसान ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे। किसान दोपहर 12 बजे से डेढ़ बजे तक भाजपा सांसदों विधायकों नेताओं और कारपोरेट घरानों के बाहर ट्रैक्टर खड़े कर अपना रोष व्यक्त करेंगे।

नई दिल्ली। पंजाब के किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल पिछले दो महीनों से भूख हड़ताल पर हैं।डल्लेवाल के अनशन का आज 61वां दिन है। MSP की कानूनी गारंटी समेत अन्य मांगों को लेकर गणतंत्र दिवस के मौके पर देशभर में किसान ट्रैक्टर रैली निकालेंगे। तमाम किसान संगठनों के लोग अपने-अपने क्षेत्रों में रैलियों की तैयारी में जुटे हुए हैं।
किसान नेताओं ने बताया कि 26 जनवरी को पूरे देश में दोपहर 12 बजे से 1:30 बजे तक किसानों के ट्रैक्टर सड़कों पर होंगे और ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक तमिलनाडु और कर्नाटक में 70 से अधिक स्थानों पर किसान ट्रैक्टर मार्च आयोजित करेंगे। पंजाब और हरियाणा में सैकड़ों स्थानों पर बड़े स्तर पर किसान अपने ट्रैक्टर लेकर सड़कों पर उतरेंगे। मध्य प्रदेश के अशोकनगर में एक बड़ी मोटरसाइकिल रैली निकाली जाएगी। अन्य राज्यों में भी बड़े स्तर पर ट्रैक्टर मार्च की तैयारियां चल रही हैं।
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संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) ने कहा है कि देशभर में दोपहर 12 से 1.30 बजे तक किसानों के ट्रैक्टर सड़कों पर रहेंगे। देशभर में शॉपिंग मॉल, साइलो, टोल प्लाजा, भाजपा नेताओं के दफ्तरों और घरों के सामने से यह मार्च निकाला जाएगा। इसके लिए सभी किसान नेता अपने क्षेत्र में सक्रिय रहेंगे। सभी नेताओं की सूची तैयार की जा रही है। इसके बाद दिल्ली मार्च को लेकर किसानों की एक अहम बैठक भी होगी।
उधर, किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की हालत नाजुक बनी हुई है। हालत यह है कि डल्लेवाल अगर अनशन खत्म भी कर देते हैं तो भी रिकवरी बेहद मुश्किल है। लोकतंत्र में आमरण अनशन विरोध का सबसे अहिंसक तरीका है। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल भी एमएसपी को लेकर कानून बनाने की मांग पर अड़े हैं। वह पिछले 26 नवंबर से खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन कर रहे हैं।
डल्लेवाल का स्वास्थ्य हर गुजरते दिन के साथ खराब हो रहा है। 70 साल के किसान नेता कैंसर के मरीज हैं और दवाइयां भी नहीं ले रहे हैं। डॉक्टरों ने कहा कि डल्लेवाल की हड्डियां (विशेषकर आंख के साइड) सिकुड़नी शुरू हो गई हैं, जो बेहद चिंताजनक है।हालांकि केंद्र सरकार की ओर से अभी तक अनशन खत्म कराने की कोई प्रभावी पहल नहीं की गई है। अब सवाल यह है कि क्या सरकार डल्लेवाल को यूं ही मरने देगी?