असम में भारत जोड़ो न्याय यात्रा को फिर रोकने की कोशिश, कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने तोड़ी बैरिकेडिंग

असम में आज 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' के रास्ते पर बैरिकेड लगा दिए गए थे। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बैरिकेड को ध्वस्त कर दिया। राहुल गांधी ने कहा कि हमारे कार्यकर्ता बब्बर शेर हैं।

Updated: Jan 23, 2024, 03:48 PM IST

गुवाहाटी। कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में असम की भाजपा सरकार द्वारा आज एक बार फिर विघ्न डालने की कोशिश हुई। मंगलवार सुबह यात्रा गुवाहाटी पहुंची, जिसे असम पुलिस ने रोक दिया। राहुल अपने काफिले के साथ गुवाहाटी शहर में जाना चाहते थे, लेकिन प्रशासन ने इसकी इजाजत नहीं दी। पुलिस ने गुवाहाटी सिटी जाने वाली सड़क पर बैरिकेडिंग कर दी। हालांकि, कांग्रेस कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों ने बैरिकेडिंग ध्वस्त कर दिया।

दरअसल, जब राहुल गांधी को पुलिस ने रोक दिया और उन्हें शहर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई तो कांग्रेस कार्यकर्ता भड़क गए। पुलिस ट्रैफिक व्यवस्था का हवाला देकर राहुल गांधी को शहर में प्रवेश देने के बजाए रिंग रोड पर यात्रा करने की बात कह रही थी। इसी बात पर कांग्रेस कार्यकर्ता भड़क गए और उन्होंने बैरिकेडिंग ध्वस्त कर दिया। इस दौरान पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट भी की।

इस दौरान राहुल गांधी ने बस से ही पुलिस कर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि, 'मैं यहां खड़े पुलिस अफसरों से कहना चाहता हूं कि- हम जानते हैं, आपको जो ऑडर मिला है, आपने वो काम किया।लेकिन आप एक बात याद रखिए, असम में न्याय होना चाहिए। क्योंकि असम के मुख्यमंत्री यहां 24 घंटे चोरी कर रहे हैं। वह सबसे भ्रष्ट मुख्यमंत्री हैं।

राहुल ने कहा कि असम में जिस रास्ते पर हमारी यात्रा को रोका गया है, उसी रास्ते से बजरंग दल और जेपी नड्डा की रैली निकली है। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने रास्ते पर लगे बैरिकेड हटा दिए हैं। कांग्रेस का कार्यकर्ता बब्बर शेर है। हम कानून का पालन करते हैं, इसलिए यात्रा उस रास्ते से निकाली गई जहां से हमें अनुमति मिली है।

इससे पहले राहुल h ने कहा कि असम-मेघालय सीमा पर युवाओं से b की। उन्होंने स्टूडेंट्स से कहा कि मैं आपकी यूनिवर्सिटी आकर आपसे बात करना चाहता था और ये समझना चाहता था कि आप किन मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। लेकिन, देश के गृह मंत्री ने असम के मुख्यमंत्री को फोन किया और फिर असम के मुख्यमंत्री ने आपकी यूनिवर्सिटी के लीडर्स को फोन करके कहा कि राहुल गांधी को स्टूडेंट्स से बात न करने दी जाए। ये बेहद जरूरी है कि आप जिसे सुनना चाहते हैं, उसे सुनने की आपको इजाजत दी जाए।