प्रधानमंत्री मोदी के दौरे पहले मणिपुर में भाजपा को बड़ा झटका, 43 नेताओं ने पार्टी से दिया सामूहिक इस्तीफा

नगा बहुल जिले में पार्टी के फुंग्यार मंडल से इस्तीफा देने वालों में मंडल अध्यक्ष, महिला, युवा और किसान मोर्चा के प्रमुख एवं निर्वाचन क्षेत्र के बूथ अध्यक्ष शामिल हैं।

Updated: Sep 12, 2025, 02:32 PM IST

इंफाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मणिपुर के संभावित दौरे से ठीक पहले राज्य में भाजपा को बड़ा झटका लगा है। राज्य के उखरुल जिले के फुंग्यार निर्वाचन क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी के कम से कम 43 सदस्यों ने पार्टी की सदस्यता से गुरुवार को इस्तीफा दे दिया। पार्टी के एक नेता ने यह जानकारी दी। नगा बहुल जिले में पार्टी के फुंग्यार मंडल से इस्तीफा देने वालों में मंडल अध्यक्ष, महिला, युवा और किसान मोर्चा के प्रमुख एवं निर्वाचन क्षेत्र के बूथ प्रमुख शामिल हैं।

प्रदेश भाजपा ने अब तक इस्तीफों पर कोई टिप्पणी नहीं की है। भाजपा सदस्यों ने एक बयान में कहा कि वे पार्टी के भीतर वर्तमान स्थिति को लेकर बहुत चिंतित हैं और उन्होंने परामर्श, समावेशिता और जमीनी स्तर के नेतृत्व के प्रति सम्मान की कमी को इस कदम के पीछे प्रमुख कारण बताया।

बयान में आगे कहा गया है कि पार्टी और उसकी विचारधारा के प्रति हमारी निष्ठा सदैव अटूट रही है। हम अपने समुदाय और मणिपुर के लोगों के कल्याण के लिए काम करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुनः पुष्टि करते हैं। इस्तीफों पर प्रतिक्रिया देते हुए, भाजपा की मणिपुर इकाई ने दावा किया कि ये सभी सदस्य 2022 के विधानसभा चुनावों के बाद से ही पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहे हैं।

भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष अवंग शिमरे होपिंगसन ने कहा कि यह कदम प्रचार का हथकंडा है, जिसका उद्देश्य जनता को गुमराह करना और अपने निजी लाभ के लिए पार्टी की छवि को धूमिल करने का प्रयास है। होपिंगसन ने कहा कि इस्तीफा देने वाले सदस्यों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की गई है। 

प्रधानमंत्री के शनिवार को मणिपुर पहुंचने की संभावना है। जो मई 2023 में इंफाल घाटी स्थित मेइती और आसपास के पहाड़ी इलाकों में रहने वाले कुकी-जो लोगों के बीच जातीय हिंसा भड़कने के बाद पूर्वोत्तर राज्य की उनकी पहली यात्रा होगी। इस हिंसा में 260 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है तथा हजारों लोग बेघर हुए हैं। फरवरी में एन बीरेन सिंह के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद केंद्र ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगा दिया था।