बिहार के सीतामढ़ी में बड़ा स्कैम, ग्रामीण बैंक से 83 लोगों के खाते से करोड़ों रुपए गायब

स्थानीय लोगों के मुताबिक शाखा के कैशियर आशीष कुमार पूर्व में भी इस तरह का गबन कर चुके हैं। बैंक के काफी दवाब पर कैशियर के परिजन निजी संपत्ति बेचकर राशि शाखा में जमा कराए थे और मामला रफा-दफा हुआ था।

Updated: Mar 08, 2024, 04:07 PM IST

सीतामढ़ी। बिहार के सीतामढ़ी जिले से एक बड़ा बैंक फ्रॉड सामने आया है। यहां उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक की एक ब्रांच से 83 खाताधारकों के अकाउंट से पैसे गायब हो गए। शुरुआती जानकारी के मुताबिक इन खातों से 8 करोड़ रुपए से ज्यादा गायब हुए हैं।

घटना भारत-नेपाल की सीमा स्थिति बैरगनिया स्थित उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक बैरगनिया शाखा की है। यहां बड़ी संख्या में खाताधारक अपनी खाते में जमा राशि की जांच कराने पहुंचे रहे हैं। जिन ग्राहकों के खाते से अवैध रूप से राशि की निकासी करने की बात सामने आ रही थी, वो लिखित तौर पर शाखा प्रबंधक और रीजनल मैनेजर से शिकायत कर रहे हैं।

स्कैम का भंडाफोड़ तब हुआ जब एक ग्राहक बुधवार को जब बैंक से पैसा निकालने गया तो बताया गया कि अकाउंट में पैसे नहीं हैं। जैसे ही उसे इसकी जानकारी मिली उसके पैर के नीचे से जमीन खिसक गई। इसके वहां बैंक में मौजूद अन्य लोगों ने भी अपना अकाउंट चेक कराया, तो पता चला कि सभी का अकाउंट खाली है।

धीरे-धीरे मामले की जानकारी पूरे प्रखंड में फैल गई। इसके बाद शाम तक ग्राहकों ने अपना-अपना खाता चेक कराने पहुंच गए। उन सभी के खाते से पैसे गायब थे। जिसके बाद ग्रामीणों ने बैंक में घुसकर जमकर हंगामा किया। गुरुवार तक 48 ग्राहकों के खातों से पैसे गायब होने की सूचना थी। हालांकि, यह संख्या बढ़ती जा रही है और अबतक 83 ऐसे मामले आ चुके हैं।

इसमें कई ऐसे खाताधारक हैं, जिनके घर में दो दिन बाद शादी है। तो कई ऐसे ग्राहक हैं, जिनके परिजन अस्पताल में भर्ती हैं और उन्हें पैसों की जरूरत है। आरएम 90 दिनों के अंदर पैसा लौटा देने की बात कह रहे हैं, लेकिन ऐसे लोगों के सामने समस्या उत्पन्न हो गई है जिन्हें चंद दिनों के भीतर पैसे की जरूरत है।

स्थानीय लोगों के मुताबिक शाखा के कैशियर आशीष कुमार पूर्व में भी इस तरह का गबन कर चुके हैं। बैंक के काफी दवाब पर कैशियर के परिजन निजी संपत्ति बेचकर राशि शाखा में जमा कराए थे और मामला रफा-दफा हुआ था। लोगों का कहना है कि कैशियर इन दिनों सट्टेबाजी का गेम में लिप्त थे और वे मोटी रकम के बोझ से दब गए थे। संभव है कि कर्ज के बोझ से उबरने के लिए उन्होंने ग्राहकों को ही शिकार बनाना शुरू कर दिया।

घोटाले की बात सामने आने के बाद बैंक के उच्चाधिकारियों ने शाखा प्रबंधक प्रमोद कुमार और कैशियर आशीष कुमार का आईडी ब्लॉक कर दिया है।