चंद्रमा के करीब पहुंचा चंद्रयान-3, सतह छूते ही भारत के नाम होगी उपलब्धि

 भारत के म‍िशन मून के तहत चंद्रयान-3 तेजी से चंद्रमा की सतह पर उतरने के ल‍िए बढ़ रहा है। चंद्रयान-3 के चंद्रमा की सतह छूते ही भारत के नाम एक खास उपलब्‍धि होगी।

Updated: Aug 16, 2023, 06:14 PM IST

भोपाल। श्री हरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से 14 जुलाई को लॉन्च किया गया चंद्रयान-3 लगातार अपने टारगेट की ओर आगे बढ़ रहा है। 5 अगस्त को चंद्र कक्षा में प्रवेश करने के बाद स्पेसक्राफ्ट ऑर्बिट में घूम रहा है, जिससे धीरे-धीरे चंद्रमा से इसकी दूरी कम हो रही है। चंद्रयान 3 की चंद्रमा की सतह से यान की अधिकतम दूरी अब सिर्फ 150 किलोमीटर है। 

चांद के चारों तरफ अब चंद्रयान के सारे ऑर्बिट मैन्यूवर पूरे हो चुके हैं। चंद्रयान-3 चंद्रमा की पांचवीं कक्षा में पहुंच गया है। अब चंद्रयान का कोई ऑर्बिट नहीं बदला जाएगा 16 अगस्त की सुबह करीब 8.38 बजे चंद्रयान का इंजन एक मिनट के लिए ऑन किया गया था। उसके बाद उसकी ऑर्बिट बदल दी गई। 5 अगस्त को चंद्रयान-3 चांद की पहली ऑर्बिट में पहुंचा था। इसी दिन चंद्रयान ने चांद की पहली तस्वीरें जारी की थी। उसके बाद अब तक इसकी चार बार ऑर्बिट बदली जा चुकी है।  

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने ट्वीट ने कहा, चंद्रमा की ओर एक कदम और करीब! आज की सफल फायरिंग, अल्पअवधि के लिए आवश्यक थी, इसने चंद्रयान-3 को अपनी मंशा के अनुरूप 153 किलोमीटर x 163 किलोमीटर की कक्षा में स्थापित कर दिया है। इसके साथ ही चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करने की प्रक्रिया पूरी हो गई है।

चंद्रयान-3 1900 किलोमीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से चांद से 150 किलोमीटर दूर की कक्षा में यात्रा कर रहा है। चंद्रयान का ऑर्बिट सर्कुलाइजेशन चरण चल रहा है और चंद्रयान-3 ने अंडाकार कक्षा से गोलाकार कक्षा में आना शुरू हो गया है।

वहीं इस अभियान को सफल बनाने के लिए इस मिशन में0 महिला कर्मचारियों का बड़ा योगदान माना जा रहा है इस अभ‍ियान को सफल बनाने के ल‍िए जुटी लखनऊ की रितु करिधल को भारत की 'रॉकेट वुमन' के नाम से जाना जाता है। चंद्रयान -3 को  चंद्रमा की सतह छूते ही भारत के नाम एक खास उपलब्‍धि होगी।