MP: बैतूल की कोयला खदान में दबने से तीन कर्मचारियों की मौत, कोयला काटते समय खदान की छत गिरी
छतरपुर वन खदान में कंट्यूनर माइनर मशीन चल रही थी। कोयला काटते समय अचानक खदान की छत गिर गई। बताया जा रहा है कि अधिकारी और वर्कर खदान में निरीक्षण के लिए उतरे थे।

बैतूल। मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में कोयले की एक खदान में बड़ा हादसा हुआ है। यहां कोयला काटते समय अचानक खदान की छत गिर गई, जिसमें तीन कर्मचारियों की मौत हो गई। घटना उस समय हुई जब अधिकारी और कर्मचारी निरीक्षण के लिए खदान में उतरे थे। हादसे की जांच की जा रही है।
हादसा वेस्टर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड (WCL) पाथाखेड़ा क्षेत्र में गुरुवार दोपहर 3 बजे हुआ। यहां छतरपुर-1 खदान के मुहाने से करीब 3.5 किलोमीटर अंदर कंट्यूनर माइनर सेक्शन में कर्मचारी काम कर रहे थे। इसी दौरान छत ढह गई। बताया जा रहा है कि कोयला खदान की 10 मीटर की छत गिर गई थी। एसपी निश्चल झारिया ने इन तीनों की मौत होने की पुष्टि की है। एसडीएम अभिजीत सिंह ने बताया कि सिर्फ तीन केजुअल्टी ही है।
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बताया जा रहा है कि छतरपुर वन खदान में कंट्यूनर माइनर मशीन चल रही थी। कोयला काटते समय अचानक खदान की छत गिर गई। बताया जा रहा है कि अधिकारी और वर्कर खदान में निरीक्षण के लिए उतरे थे। जिस सेक्शन में हादसा हुआ वह जॉय माइनिंग सर्विस का है। इसमें ऑस्ट्रेलियाई मशीन लगी है। कंपनी कोलकाता की है।
मृतकों में छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले के रोहंगी गांव निवासी गोविंद कोसरिया, पाथाखेड़ा के हॉस्पिटल कॉलोनी निवासी रामप्रसाद चौहान और बैतूल के शोभापुर कॉलोनी निवासी रामदेव पंडोले शामिल हैं। हादसे के बाद कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी और पुलिस अधीक्षक निश्चल झारिया भी घटना स्थल पर पहुंचे।
कलेक्टर ने जीएम, डब्ल्यूसीएल को लाइफ कवर स्कीम से डेढ़ लाख की सहायता तत्काल उपलब्ध कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए। साथ ही एक्सग्रेसिया, ग्रेच्युटी , कंपनसेशन और पीएफ, लाइफ इनकेशमेंट की राशि भी जल्द देने के निर्देश दिए हैं।