AIIMS में नर्सों की हड़ताल पर दिल्ली हाईकोर्ट ने लगाई रोक, मांगा जवाब

दिल्ली हाई कोर्ट ने AIIMS की नर्सों की हड़ताल पर रोक लगाते हुए नर्स यूनियन को काम पर लौटने का आदेश दिया, कई मांगों को लेकर सोमवार से 5000 नर्सें हड़ताल पर हैं

Updated: Dec 16, 2020, 02:40 AM IST

Photo Courtesy: ANI
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नई दिल्ली। एम्स की हड़ताली नर्सों पर दिल्ली हाई कोर्ट ने सख्ती दिखाई है। कोर्ट ने नर्सों की हड़ताल पर रोक लगाते हुए उन्हें काम पर वापस लौटने का आदेश दिया है। हाई कोर्ट ने नर्सों को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा है। मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने एम्स की याचिका पर सुनवाई की है।

कोर्ट में एम्स प्रशासन की ओर से कहा गया है कि नर्सों की मांगों पर विचार किया जा रहा है। कोविड महामारी के दौर में नर्सों की हड़ताल जायज नहीं है। इस मामले की सुनवाई जस्टिस नवीन चावला ने की और नर्सों को काम पर लौटने को कहा है। इस मामले की अगली सुनवाई 18 जनवरी को होगी।

दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के पहले AIIMS प्रशासन ने नर्सों को चेतावनी दी थी कि अगर वो रोस्टर के अनुसार ड्यूटी पर नहीं मिलेंगी तो उन्हें अनुपस्थित माना जाएगा। नर्सों की हड़ताल से अस्पताल की व्यवस्था चरमरा गई है। जिससे निपटने के लिए एम्स प्रशासन ने 170 नर्सों को आउटसोर्स किया था। एम्स के डायरेक्टर डाक्टर रणदीप गुलेरिया ने कोरोना महामारी के बीच इस हड़ताल को ‘अनुपयुक्त एवं दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया था। उन्होंने नर्सों और नर्सिंग अधिकारियों हड़ताल नहीं करने की अपील की थी।

कोरोना महामारी के बीच अपनी जान जोखिम में डालकर काम करने वाली नर्सें अपनी अनदेखी से परेशान हैं। एम्स अस्पताल की पांच हजार नर्सें 6ठे वेतन आयोग की विसंगतियां दूर करने समेत कई मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। नर्सों की मांग है कि जल्द से जल्द छठे वेतनमान की विसंगति दूर किया जाए। उन्हें संविदा नियुक्ति की जगह नियमित नौककरी पर बहाल किया जाए। नर्से आउट सोर्सिंग के भी खिलाफ हैं। 

इसी के साथ नर्सिंग ऑफिसर की नियुक्तियों में लिंग आधारित आरक्षण पर रोक लगाने, पेंशन स्कीम समेत कई मांगें पूरी करने पर अड़ी हुई हैं।