MP में मूसलाधार बारिश का दौर, कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात, आपदा प्रबंधन के अफसरों को अलर्ट रहने के निर्देश

सीएम मोहन यादव ने देर रात प्रदेश के विभिन्न जिलों में हो रही बारिश से पैदा हुई बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया और बाढ़ नियंत्रण कक्ष के कंट्रोल रूम में अधिकारियों के साथ आपदा प्रबंधन व राहत कार्यों की समीक्षा की।

Updated: Jul 29, 2024, 09:49 AM IST

भोपाल।  मध्य प्रदेश में लगातार हो रही मानसून की बारिश से प्रदेश के लोगों का हाल-बेहाल है। मूसलाधार बारिश के कारण प्रदेशभर में नदी नाले उफान पर हैं। शाजापुर, उज्जैन समेत कई अन्य जिलों में बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए हैं।
जल स्तर बढ़ने से कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जिससे जान और माल को लगातार खतरा बढ़ गया है।

प्रदेश में बाढ़ जैसे हालात को देखते हुए रविवार देर रात दिल्ली से लौटे सीएम डा. मोहन यादव सीधे आकस्मिक निरीक्षण के लिए राज्य आपदा प्रबंधन केंद्र पहुंचे और अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने विभिन्न जिलों में हो रही बारिश से पैदा हुई बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया और बाढ़ नियंत्रण कक्ष के कंट्रोल रूम में अधिकारियों को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए।

सीएम यादव ने कहा कि वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में कुछ बाढ़ प्रभावित जिलों के कलेक्टरों से फोन पर बातचीत की और साथ ही निर्देशित किया कि जिला प्रशासन और राज्य आपदा केंद्र के बीच समन्वय रहे, जिससे कोई भी विषम परिस्थिति न बन सके। इस दौरान मुख्य सचिव म. प्र, पुलिस महानिदेशक, होमगार्ड महानिदेशक, पुलिस कमिश्नर, कलेक्टर भोपाल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि यह सुनिश्चित किया जाए कि ऐसे स्थान जहां भी पुल के ऊपर पानी बह रहा हो तो वहां नागरिकों को नहीं जाना चाहिए। इस संबंध में सभी सजग रहे और बांधों के गेट खुलने की स्थिति में सतर्क रहें, जो क्षेत्र जलमग्न हो सकते हैं, वहां आवश्यक सावधानी रखी जाए ताकि जनहानि न हो, यह ध्यान रखा जाए। वरिष्ठ अधिकारी सभी स्थितियों पर निरंतर नजर रखें। आवश्यकता हो तो हेलीकॉप्टर की व्यवस्था भी ऐसे क्षेत्र के लिए रखी जाए।

प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश के चलते अधिकांश सिंचाई बांध 50 फीसदी के आसपास भर चुके हैं। कोलार, बरगी, सतपुड़ा और मोहनपुरा समेत कई डैम के गेट खोलकर पानी छोड़ना पड़ा है। कोलार डैम के 8 में से 2 गेट 40-40 सेंटीमीटर खोले गए। सतपुड़ा बांध के 14 में से 7 गेट 4-4 फीट तक खोले गए। राजगढ़ जिले में मोहनपुरा डैम के कैचमेंट एरिया में बारिश की वजह से जलस्तर बढ़ गया। डैम के 4 गेट खोलकर पानी छोड़ा गया। 

उधर, उज्जैन में शिप्रा नदी के तट पर मंदिर डूब गए हैं। उज्जैन में तेज बारिश से निचले इलाकों में पानी भर गया। एटलस चौराहा, केडी गेट, बहादुर गंज में सड़कें पानी में डूब गईं।