किसानों ने सरकार को दिया 24 घंटे का वक्त, राहुल गांधी बोले- अन्नदाताओं पर आंसू गैस के गोले दागना निंदनीय
किसान अपनी पीड़ा को व्यक्त करने के लिए दिल्ली आना चाहते हैं। उनपर आंसू गैस के गोले दागना और उन्हें तरह-तरह से रोकने का प्रयास करना निंदनीय है। सरकार को उनकी मांगों और समस्याओं को गंभीरता से सुनना चाहिए: राहुल गांधी
नई दिल्ली। फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी और कर्जमाफी समेत अन्य मांगों को लेकर किसानों का प्रदर्शन जारी है। पंजाब और हरियाणा की सीमाओं पर बीते 11 महीने से डटे किसान आज दिल्ली कूच करने वाले थे। लेकिन पुलिस द्वारा आंसू गैस के गोले छोड़े जाने के कारण कुछ किसान नेता घायल हो गए। इस वजह से दिल्ली मार्च को होल्ड कर दिया गया। अब किसानों ने केंद्र सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। मांगें पूरी नहीं होती है तो वे 8 दिसंबर को फिर से दिल्ली कूच करेंगे।
शुक्रवार शाम किसान नेताओं ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि मांगें पूरी नहीं हुई तो हम फिर प्रदर्शन करेंगे। किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने शंभू बॉर्डर पर झड़प के बाद कहा कि हम सरकार से टकराव नहीं चाहते हैं। हम बातचीत के लिए तैयार हैं। किसान संगठनों के नेताओं ने कहा कि 8 लोग घायल हैं और 2 गंभीर रूप से घायल हैं। किसान नेताओं ने कहा कि सरकार बताए कि हमारे साथ दुश्मन जैसा व्यवहार क्यों किया जाता है। उन्होंने कहा कि पंजाब और हरियाणा के किसानों ने देश को भुखमरी से बचाया है। हमने देश की भलाई के लिए बहुत योगदान दिया है।
किसानों पर आंसू गैस के गोले दागने की घटना का लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने निंदा की है। राहुल गांधी ने एक ट्वीट में लिखा, 'किसान सरकार के समक्ष अपनी मांगों को रखने और अपनी पीड़ा को व्यक्त करने के लिए दिल्ली आना चाहते हैं। उनपर आंसू गैस के गोले दागना और उन्हें तरह-तरह से रोकने का प्रयास करना निंदनीय है। सरकार को उनकी मांगों और समस्याओं को गंभीरता से सुनना चाहिए। अन्नदाताओं की तकलीफ़ का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि आज देश में हर घंटे एक किसान आत्महत्या करने को मजबूर होते हैं।'
राहुल गांधी ने आगे लिखा, 'मोदी सरकार की घोर असंवेदनशीलता के कारण पहले किसान आंदोलन में 700 से अधिक किसानों की शहादत को भी देश नहीं भूला है। हम किसानों की पीड़ा को समझते हैं और उनकी मांगों का समर्थन करते हैं। MSP की लीगल गारंटी, स्वामीनाथन आयोग की सिफ़ारिशों के अनुसार खेती की व्यापक लागत का 1.5 गुना MSP, क़र्ज़ माफ़ी समेत तमाम मांगों पर सरकार को तुरंत अमल करना चाहिए। जब अन्नदाता खुशहाल होंगे तभी देश खुशहाल होगा।'
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बता दें कि पंजाब और हरियाणा सीमा के शंभू बॉर्डर से 101 किसानों के एक जत्थे ने शुक्रवार को दिल्ली के लिए पैदल मार्च शुरू किया था। लेकिन उन्हें कुछ मीटर बाद ही बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोक दिया गया। सुरक्षाकर्मियों ने प्रदर्शनकारी किसानों को तितर-बितर करने और उन्हें अपने विरोध स्थल पर वापस जाने को मजबूर करने के लिए कई राउंड आंसूगैस के गोले दागे। इसमें कई किसान नेता घायल हुए हैं। उन्हें एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया गया। इसके बाद किसानों ने दिल्ली मार्च का कॉल वापस ले लिया। अब 24 घंटे इंतजार के बाद किसान आगे की रणनीति पर बात करेंगे।