बीजेपी विधायक ललन पासवान ने लालू के खिलाफ पटना के विजिलेंस थाने में दर्ज कराई एफआईर
Allan Paswan: लालू ने उन्हें जेल से फोन कर मंत्री पद का प्रलोभन देने की कोशिश की, झारखण्ड हाई कोर्ट में याचिका भी दायर

पटना। बीजेपी विधायक ललन पासवान ने आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव के खिलाफ पटना के विजिलेंस थाने में एफआईआर दर्ज करा दी है। ललन पासवान ने लालू यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत एफआईआर दर्ज कराई है। इसकी जानकारी खुद बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने दी है।
सुशील मोदी ने अपने ट्विटर हैंडल पर जानकारी देते हुए लिखा, 'भाजपा विधायक ललन पासवान ने लालू प्रसाद यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत हिरासत से टेलीफोन कॉल करने और मंत्री की बर्थ देने की पेशकश की। यह एक लोक सेवक को रिश्वत देना और उसका भुगतान करने का गुनाह था। इस मामले में पटना के विजिलेंस थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है।'
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दरअसल सुशील मोदी और ललन पासवान ने आरजेडी नेता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव पर आरोप लगाया था कि स्पीकर के चुनाव से ठीक एक दिन पहले लालू ने कथित तौर पर ललन पासवान को फोन किया था। लालू ने कथित तौर पर ललन पासवान से महागठबंधन के उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित करने के लिए स्पीकर के चुनाव के दिन कोरोना का बहाना बनाकर अनुपस्थित रहने के लिए कहा था। लालू यादव पर यह आरोप सबसे पहले सुशील मोदी ने लगाया था। मोदी ने तो उस फोन नंबर तक को सार्वजनिक किया था जिससे लालू ने जेल से ललन पासवान को कथित तौर पर फोन किया था। इसके बाद सुशील मोदी ने लालू और ललन पासवान के बीच कथित बातचीत का ऑडियो भी वायरल किया था।
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हालांकि इसके बाद ट्विटर ने सुशील मोदी के उस ट्वीट को हटा दिया जिसमें उन्होंने लालू का कथित नंबर सार्वजनिक किया था। इस पूरे घटनाक्रम पर आरजेडी ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था जब सुशील मोदी और लालू यादव के बीच भी बातचीत हुई है तो सुशील मोदी अपनी बातचीत का ऑडियो क्यों नहीं साझा कर रहे हैं ? बता दें कि सुशील मोदी ने अपने ट्वीट में यह भी कहा था कि जब बीजेपी विधायक ललन पासवान ने उनसे लालू यादव के साथ हुई बातचीत के बारे में बताया तब सुशील मोदी ने लालू यादव से खुद उसी नंबर पर संपर्क किया था और उनसे ऐसे हथकंडे नहीं अपनाने के लिए कहा था।
लालू यादव के खिलाफ गुरूवार को ही झारखण्ड हाई कोर्ट में बीजेपी नेता अनुरंजन अशोक ने याचिका दायर की है। लालू यादव के खिलाफ दायर हुई याचिका में जेल प्रशासन और राज्य की हेमंत सोरेन सरकार से यह पूछा गया है कि सजायाफ्ता लालू यादव को आखिर किस नियम के अनुसार जेल में फोन मुहैया कराया गया है ? यह स्पष्ट तौर पर जेल मैनुअल का उल्लंघन है। याचिका में लालू यादव पर आरोप लगाया गया है कि वे अनैतिक हथकंडे अपनाकर बिहार की चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रहे हैं।