Army Chief: चीन सीमा पर हालात नाजुक, भारतीय सेना तैयार

China India Face Off: आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवणे के लेह दौरे का दूसरा दिन, आर्मी चीफ ने कहा कि बातचीत से विवाद सुलझा लेंगे

Updated: Sep 05, 2020, 12:39 AM IST

नई दिल्ली। सीमा पर चीन के साथ जारी तनाव के बीच आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवणे लेह के दौरे पर हैं। इस दौरे के दूसरे दिन उन्होंने कहा है कि लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर हालात तनावपूर्ण हैं। इसलिए हमने अपनी सीमाओं की सुरक्षा के लिए जवान तैनात किए हैं। हमारे जवानों का मनोबल ऊंचा है, वे हर चुनौती से निपटने के लिए तैयार हैं।

समचार एजेंसी एएनआई के अनुसार आर्मी चीफ ने कहा है कि मैंने कई इलाकों का दौरा किया। अफसरों से बात कर तैयारियों का जायजा भी लिया। मैं फिर कहूंगा कि हमारे अफसर और जवान दुनिया में सबसे बेहतर हैं। वे न सिर्फ आर्मी का बल्कि देश गौरव भी बढ़ाएंगे। पिछले 2-3 महीनों से हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं, लेकिन हम चीन के साथ मिलिट्री और डिप्लोमेटिक लेवल पर लगातार बातचीत कर रहे हैं। यह प्रोसेस आगे भी जारी रहेगा। हमें भरोसा है कि बातचीत से विवाद सुलझा लेंगे। यह तय करेंगे कि एलएसी पर यथास्थिति बनी रहे।

सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे का लेह का दो दिवसीय दौरा गुरुवार को शुरू हुआ। पैंगोंग झील के दक्षिणी तट के आस-पास यथास्थिति को बदलने के चीन के हालिया प्रयासों के मद्देनजर क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति की व्यापक समीक्षा करने के मकसद से सेना प्रमुख का यह दौरा हो रहा है।

ग़ौरतलब है कि पेगोंग झील इलाके में उस वक्त तनाव बढ़ गया था जब चीन ने झील के दक्षिणी तट में कुछ इलाकों पर कब्जा करने का असफल प्रयास किया जिसके बाद भारत ने संवेदनशील क्षेत्र में अतिरिक्त सैनिक एवं हथियार भेजे।

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भारतीय सेना ने 31 अगस्त को कहा कि चीनी सेना ने 29 और 30 अगस्त की दरम्यानी रात को पेगोंग झील के दक्षिणी तट पर “एकतरफा” तरीके से यथास्थिति बदलने की ‘‘उकसाने वाली सैन्य गतिविधियां” की लेकिन भारतीय सैनिकों ने उसके प्रयास को विफल कर दिया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने एक सितंबर को कहा कि चीन की पीपल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) फिर से एक दिन पहले “उकसाने वाली कार्रवाई” कर रही थी जब दोनों पक्ष के कमांडर स्थिति को सामान्य बनाने के लिए वार्ता कर रहे थे।

इन प्रयासों के बाद, भारतीय सेना ने पेगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर कम से कम तीन रणनीतिक चोटियों पर अपनी उपस्थिति बढ़ा दी थी। बताया जा रहा है कि एहतियात के तौर पर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के भारतीय हिस्से में पैंगोग झील के उत्तरी तट पर सैनिकों की तैनाती में कुछ “फेर-बदल” भी किए गए हैं।