परीक्षा में कितनी पेंसिल टूटीं इसकी अहमियत नहीं, ऑपरेशन सिंदूर में जेट तबाह होने पर बोले राजनाथ सिंह
लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने पूछा कि सरकार उस हमले में मारे गए लोगों की बात क्यों नहीं करती है, गौरव गोगोई ने पीएम से पूछा कि आखिर किसके कहने पर ये सीजफायर हुआ।

नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र के दौरान आज लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा हो रही है। इस पर पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपनी बात रखी। उसके बाद विपक्ष की ओर से कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने अपनी बात रखी और सरकार से सवाल किया। गौरव गोगोई ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर की चर्चा का मुख्य उद्देश्य ये है कि सच्चाई खुलकर सामने आए, सच्चाई इस ऑपरेशन, पहलगाम हमले को लेकर, विदेश नीति को लेकर सामने आनी चाहिए।
संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर अपनी बात रखते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारा मकसद आतंकी ठिकाने तबाह करना था और सेनाओं ने अपना लक्ष्य हासिल किया। हमने पाकिस्तान से सीजफायर दबाव में नहीं किया। भारतीय जेट तबाह होने के सवाल पर राजनाथ सिंह ने कहा कि परीक्षा में रिजल्ट की अहमियत होती है। कितनी पेंसिल टूटीं या पेन गुमे, यह बेमानी है।
राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि हमारी सरकार ने आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर कोई समझौता नहीं करेंगे। एक इंटरनेशनल मीटिंग में आतंकवाद के मसले पर जॉइंट स्टेटमेंट डाइल्यूट हो रहा था, हमने साफ किया कि जब तक इस पर मजबूती से बात नहीं रखी जाती, जॉइंट स्टेटमेंट पर दस्तखत नहीं करेंगे। सिंह ने कहा कि 2009 में मुंबई में जो हमला हुआ था, उस समय सरकार को जो करना चाहिए था, वह नहीं हुआ। जब केंद्र में मोदी जी के नेतृत्व में सरकार बनी, तब से परिस्थितियां बदलीं। हमने उरी में सर्जिकल स्ट्राइक की। हमने बता दिया कि जरूरत पड़ी तो घर में घुसकर मारेंगे।
सिंह ने आगे कहा कि 2015 में मोदी जी ने पाकिस्तान जाकर दोस्ती की बात की। हमारी मूल प्रकृति बुद्ध की है, युद्ध की नहीं। अब हमारी सरकार की स्टैंड का एकदम साफ है कि टेररिज्म और बातचीत साथ नहीं चल सकते। एक ऐसा देश जहां लोकतंत्र का कतरा भी नहीं है, वहां धार्मिक उन्माद है, जहां गोलियों की आवाजें गूंजती हैं, उनके साथ बातचीत नहीं हो सकती। उनकी आतंकवाद की नर्सरी है। पाकिस्तान सरकार आतंकियों के लिए स्टेट फ्यूनरल का इंतजाम करती है। पाकिस्तान की सेना और आईएसआई प्रॉक्सी वॉर करती है। ये मोदी जी के नेतृत्व वाला भारत है जो किसी भी हद तक जा सकता है। हम शांति के प्रयास करना जानते हैं तो अशांति फैलाने के लिए हाथ उखाड़ना भी जानते हैं। हमने भगवान कृष्ण से सीखा है कि धर्म की रक्षा के लिए सुदर्शन चक्र उठाना पड़ता है। अब हमने सुदर्शन चक्र उठा लिया है। भगवान कृष्ण हमें धैर्य और शौर्य दोनों सिखाते हैं।
चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद गौरव गगोई ने कहा कि इस चर्चा की विशेष मांग यह है कि सच्चाई सदन में आनी चाहिए। पहलगाम हमले, आपरेशन सिंदूर और विदेश नीति की सच्चाई सामने आनी चाहिए। राजनाथ सिंह ने बहुत सी जानकारी दी, लेकिन उन्होंने रक्षा मंत्री होने के नाते ये नहीं बताया कि पहलगाम में आतंकी कैसे आए। कैसे 5 दहशतगर्दों ने 26 पर्यटकों को छलनी कर दिया, ये राजनाथ सिंह ने नहीं बताया।
गोगोई ने कहा कि विपक्ष का कर्तव्य है कि हम देश हित में सवाल पूछेंगे। देश जानना चाहता है कि 5 आतंकी देश में कैसे घुसे। पाकिस्तान से आए दहशतगर्दों का क्या मकसद था। वे भारत में सांप्रदायिक तनाव को जन्म देना चाहते थे। भारत और पाकिस्तान में टकराव चाहते थे। राजनाथ सिंह ने सैनिकों की बात तो की, लेकिन उन्होंने दहशतगर्दों की मंशा का जिक्र नहीं किया। हमने देखा कि किस तरह जम्मू-कश्मीर के लोगों ने पर्यटकों की मदद की। देश भर के लोगों ने जम्मू-कश्मीर के लोगों को धन्यवाद कहा। ये हमारे देश की संस्कृति है।